रांची:महिला प्रवेशिका की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और झारखंड सरकार के जवाब पर अपनी सहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में मौसमी रानी ने महिला पर्यवेक्षिका नियुक्ति की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.
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राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने रखा अपना पक्ष
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि वर्ष 2013 में महिला पर्यवेक्षिका की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. विज्ञापन के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर 2015 में सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर दी गई थी. इस प्रक्रिया में सब कुछ नियम के अंतर्गत किया गया था. प्रार्थी उसमें नियुक्ति के समकक्ष योग्यता नहीं रखती थी. इसीलिए इनका चयन नहीं किया गया.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा भी अदालत को यही जानकारी दी गई कि विज्ञापन में सोशल साइंस, मनोविज्ञान, होम साइंस या चाइल्ड डेवलपमेंट विषय में स्नातक की डिग्री या समकक्ष जो शैक्षणिक अहर्ता रखी गई थी उससे शैक्षणिक अहर्ता के अनुरूप प्रार्थी की शैक्षणिक योग्यता नहीं थी. विज्ञापन में मांगी गई डिग्री, प्रार्थी के डिग्री के अनुरूप नहीं थी, जिसके कारण से प्रार्थी का अंतिम रूप से चयन नहीं किया गया. अदालत ने मामले में राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग के पक्ष को सुनने के बाद अपनी सहमति जताई और याचिका को निष्पादित कर दिया.
प्रार्थी की ओर से अदालत में यह जानकारी दी गई थी कि वह न्यूट्रिशन विषय में स्नातक है और यह विज्ञापन में दिए गए विषय के समकक्ष आता है, इसीलिए उनकी नियुक्ति उचित है और किया जाना चाहिए. अदालत ने प्रार्थी के आग्रह को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.