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अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाई कोर्ट से झटका, हैबियस कॉर्पस याचिका हुई खारिज

पीआईएल निपटाने के बदले पैसे लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए Advocate Rajiv Kumar को Jharkhand High Court से झटका लगा है, जहां अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता की ओर से दायर habeas corpus petition को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. प्रार्थी के अधिवक्ता ने इसकी पूरी जानकारी दी है.

Jharkhand High Court
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Published : Aug 17, 2022, 6:37 PM IST

रांची: पश्चिम बंगाल पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से झटका लगा है. अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता सत्यदेव राय की ओर से दायर हैबियस कॉर्पस याचिका (habeas corpus petition) पर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने माना कि जब राजीव कुमार बंगाल पुलिस के न्यायिक हिरासत में जेल में हैं तो हैबियस कॉर्पस का कोई मतलब नहीं है.

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अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने रखा प्रार्थी का पक्ष: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की युगल पीठ में सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने अदालत में उनका पक्ष रखा. इससे पहले कोर्ट ने प्रार्थी के अधिवक्ता को एफआइआर की सर्टिफाइड कॉपी और कोलकाता के कोर्ट की ऑर्डर कॉपी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

जानकारी देते अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा
क्या है पूरा मामला: अधिवक्ता राजीव कुमार को 31 जुलाई को कोलकाता में 50 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किया गया था. बताया गया है कि उन्होंने यह रुपए एक व्यवसायी से जनहित याचिका वापस लेने के एवज में लिया है. जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत कर रिमांड पर लिया था. पूछताछ पूरी होने के बाद बंगाल पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. राजीव कुमार के पिता ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने के लिए हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की थी.

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