रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि साइबर फ्रॉड के शिकार हुए लोगों को तात्कालिक राहत किस प्रकार दी जा सकती है? क्या सरकार ठगी के शिकार लोगों की रकम की वापसी के लिए फंड बनाने का विचार रखती है?
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जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने झारखंड में साइबर फ्रॉड की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान सीआईडी के महानिदेशक अनुराग गुप्ता कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए.
उन्होंने झारखंड में साइबर क्राइम की जांच प्रणाली, साइबर सेल सहित साइबर फ्रॉड रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई के बारे में कोर्ट को जानकारी दी. मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार साइबर क्राइम की घटनाओं को लेकर चिंतित है. गुजरात में साइबर क्राइम के शिकार लोगों के पैसे वापस करने को लेकर एक मॉडल तैयार किया गया है, लेकिन उसमें कई कानूनी अड़चनें हैं. झारखंड सरकार गुजरात से बेहतर मॉडल बनाने को लेकर प्रयासरत है, जिससे साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों को पैसा वापसी के मामले में राहत मिले.