रांचीः झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने एफएसएल के असिस्टेंट डायरेक्टर/सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता से पूछा कि जवाब क्यों नहीं पेश की गयी. जिस पर कोर्ट को सकारात्मक उत्तर नहीं दिया जा सका. इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें अंतिम मौका देते हुए 2 सप्ताह में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 2 सप्ताह सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा है.
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एफएसएल साइंटिफिक ऑफिसर नियुक्ति मामले में झारखंड हाई कोर्ट नाराज है. एफएसएल में नियुक्ति को लेकर कोर्ट ने सरकार और जेपीएससी को निर्देश दिया है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि जेपीएससी ने 27 दिसंबर 2021 को लिखित परीक्षा ली थी. इसमें सेपरेट एग्जामिनेशन सेपरेट सब्जेक्ट का लिया गया है, जो सही नहीं है. ऐसा करने का जेपीएससी को अधिकार भी नहीं है, इसलिए इसे रद्द किया जाए साथ ही रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगाने का आग्रह किया गया. अदालत ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार नहीं किया लेकिन उन्हें इतना आश्वस्त किया कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश से इस परीक्षा का रिजल्ट प्रभावित होगा. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल और अधिवक्ता राकेश रंजन ने अदालत को बताया कि विज्ञापन के अनुसार परीक्षा हुई है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ऋषिकेश गिरी ने प्रार्थी की ओर से झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गयी परीक्षा के मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई पूर्व में सुनवाई के दौरान जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन जवाब पेश नहीं किया जा सका फिर से एक मौका दिया गया है. अब देखना आम होगा कि अब सरकार के द्वारा क्या जवाब दिया जाता है. अदालत सरकार के जवाब देखने के बाद क्या आदेश देता है.