रांची: कोरोना संक्रमण काल में फिजिकल कोर्ट बंद होने के बाद से आर्थिक संकट से जूझ रहे 46 वर्षीय अधिवक्ता लिपिक राम कुमार झा का निधन हो गया है. अधिवक्ता लिपिक रमन कुमार ने बताया कि राम कुमार झा लगभग 20 सालों से हाई कोर्ट में मुंशी का काम करते थे और यही उनके जीविकोपार्जन का एक माध्यम था, लेकिन कोरोना के इस संक्रमण को लेकर हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट बंद होने के बाद से काम लगभग ठप हो गया था, जिसके बाद आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जैसे-तैसे वह अपना काम चलाते थे, किसी तरह की आर्थिक सहयोग नहीं मिलने के कारण वे बीमार हुए और उनकी मौत हो गई.
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक का निधन, आर्थिक संकट से जूझ रहे थे राम कुमार - फिजिकल कोर्ट बंद
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक राम कुमार झा का निधन हो गया. वह लगभग 20 सालों से हाई कोर्ट में मुंशी का काम करते थे. वह कई महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. उनके निधन पर कई अधिवक्ताओं ने शोक व्यक्त की है.
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लिपिक का निधन
जानकारी देते अधिवक्ता
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झारखंड हाई कोर्ट के कई अधिवक्ताओं का राम कुमार झा लिपिक के रूप में काम करते थे. वह मिलनसार स्वभाव के थे. बहुत ही सरल हृदय, ईमानदार व्यक्तित्व के व्यक्ति थे. राम कुमार झा की पत्नी सहित तीन बच्चे भी हैं, जिसमें 2 बेटा और 1 बेटी है जो अभी नाबालिग है.