रांची:पूर्व अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रो खिलाड़ी मारिया को खेल विभाग ने एक लाख की सरकारी मदद खिलाड़ी कल्याण कोष से देने की घोषणा की है. मारिया बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर थी. इस खबर को ईटीवी भारत ने 22 जनवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद खेल विभाग ने संज्ञान में लेते हुए उन्हें मदद करने की घोषणा की है.
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रांची से लगभग 20 किलोमीटर दूर नामकुम प्रखंड के सीधा टोली ग्रामीण क्षेत्र में अपने बहन के घर पर रहकर मारिया जिंदगी का अंतिम पड़ाव गुजार रही है और इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने उनसे जुड़ी खबर को प्रकाशित किया था. मारिया खलखो की सेहत सही नहीं है. उनका एक फेंफड़ा पूरी तरह खराब हो चुका है. एक-एक रुपए के लिए मोहताज मारिया ने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई थी और अब उनकी गुहार सरकार तक पहुंची है.
एक हफ्ते में मिलेगी मदद
इसी कड़ी में खेल विभाग ने रिटायर्ड एथलेटिक्स कोच मारिया खलखो को मदद करने का आश्वासन दिया है. इस पूर्व खिलाड़ी को 7 दिन के अंदर खिलाड़ी कल्याण कोष से एक लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. इसे लेकर खेल विभाग ने प्रक्रिया तेज कर दी है. खेल निदेशक ने भी इसकी जानकारी दी है और उन्होंने कहा है कि इस खिलाड़ी को हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी. मारिया के करीबी और खेल प्रशिक्षक प्रवीण कुमार ने इसे लेकर ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. मारिया ने भी फोन पर ईटीवी भारत की पहल की प्रशंसा की है और मदद का पूरा श्रेय भी ईटीवी भारत को दिया है.
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मारिया का शानदार सफर
1974 में जब मारिया आठवीं क्लास में थी, उसी समय जेवलिन मीट में गोल्ड मेडल हासिल किया था. मरिया ने ऑल इंडिया रूरल समिट में भी जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया. 1975 में स्कूल नेशनल मणिपुर में गोल्ड मेडल हासिल किया. इसके बाद 1975 -76 में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय जेवलिन मीट प्रतियोगिता में फर्स्ट आकर नया रिकॉर्ड बनाया. 1976-77 के दौर में बनारस में जेवलिन में गोल्ड मेडल हासिल किया. उनकी कोचिंग का सफर 30 साल तक रहा. 1980 से 2018 तक अपना समय प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने बेहतरीन काम किया. आज मारिया से प्रशिक्षण लिए कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा रहे हैं.