रांची: जिला सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) का लाल बिल्डिंग रांची और झारखंड (तत्कालीन बिहार के दक्षिणी छोनागपुर) में चिकित्सा के क्षेत्र में शुरुआत से लेकर वर्तमान प्रगति तक की जानकारी नई पीढ़ी को देने का काम करेगा. रांची सदर अस्पताल में लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से 500 बेडेड अस्पताल भवन हैंडओवर हो जाने के बाद भी यह लाल बिल्डिंग सुरक्षित और संरक्षित रहेगा. झारखंड सरकार ने इसे एक स्थानीय हेरिटेज के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. इसलिए इसे तोड़ा नहीं जाएगा बल्कि, जिस रूप में यह है उसे उसी रूप में लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च कर झारखंड सरकार का भवन निर्माण विभाग संरक्षित करेगा.
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1928 में लार्ड इरविन के आगमन पर बनाया गया था यह भवन: ब्रिटिश भारत में आज से 94 साल पहले 1928 ईसवी में तत्कालीन वायसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन के रांची आगमन को लेकर इसका निर्माण राजा बलदेव बिरला ने करवाया था, यह तब से लालभवन ही रहा. शुरुआती दिनों में सिर्फ महिला चिकित्सालय के रूप में यहां गर्भवती और बीमार महिलाओं का इलाज होता था. चूना-सुर्खी से बनें इस दो मंजिला भवन में आज की तारीख में डॉक्टर्स चैंबर, डायलिसिस कक्ष, उपाधीक्षक चैंबर, पहले तल्ले पर फार्मेसी और तंबाकू मुक्ति केंद्र चलता है.
भवन निर्माण विभाग भवन का जीर्णोद्धार कराकर करेगी संरक्षित: लगभग 100 साल पुराने इस लाल भवन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड का इतिहास छुपा है. ऐसे में इस भवन को करीब 3 करोड़ की राशि से संरक्षित और सुरक्षित करने की योजना है, ताकि नई पीढ़ी यह जान सके कि झारखंड ने स्वास्थ्य की दिशा में कैसे तरक्की की है.
कृषि भवन के बाद रांची में दूसरा ऐसा भवन जिसे सुरक्षित करने जा रही है सरकार: रांची के कांके रोड स्थित कृषि भवन के पुराने बिल्डिंग को भी झारखंड सरकार ने करीब सवा दो करोड़ की राशि खर्च कर संरक्षित किया है. इसकी पुरानी ईंटें और खपड़े बिहार के नालंदा जिले से मंगवाया गया है. इस भवन में जीर्णोद्धार के बाद भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग भी हुई है लेकिन, सदर अस्पताल की लाल बिल्डिंग को संरक्षित कर उसे अस्पताल का मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बनाने की योजना है. जिसके बाद वहीं से 500 बेड वाले अस्पताल प्रबंधन का काम होगा.