सभा को संबोधित करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांचीःउत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति के सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन सोमवार को किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद मौजूद रहे. इस सम्मेलन में राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति सदस्यों को बुलाया गया था. सम्मेलन की शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्वलित कर की. उनके साथ विभागीय सचिव रवि कुमार, प्रधान सचिव वंदना डाडेल, विनय चौबे सहित शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारी मौजूद रहें.
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उत्कृष्ट विद्यालयों में इसी सत्र से सीबीएससी की पढ़ाईःचयनित 80 उत्कृष्ट विद्यालय में सत्र 2023-24 से सीबीएससी के आधार पर पढ़ाई होंगे. बच्चों को अंग्रेजी मीडियम के माध्यम से पढ़ाया जाएगा. सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और हेड मास्टर को आईआईएम इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षित किया जाएगा. यह झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसलिए सरकार उत्कृष्ट विद्यालय में काम करने के लिए कटिबद्ध है.
पैरेंट्स टीचर मीटिंग और एसएमसी की बैठक पर जोरःमौके पर सीएम ने उत्कृष्ट विद्यालय में शामिल जमशेदपुर बालिका उच्च विद्यालय के वेबसाइट का उद्घाटन किया. प्रबंधन समिति ने बच्चों को स्कूल में बेहतर शिक्षा कैसे मिल सके? इस बारे में बताया. कहा कि इसके लिए समय समय पर पैरेंट्स टीचर मीटिंग हो. साथ ही एसएमसी की बैठक व्यवस्थित रूप से की जाए. कार्यक्रम में उपस्थित बाल सांसद प्राची और प्रिया ने बताया कि उन्हें काफी गर्व है कि वे उत्कृष्ट विद्यालय की छात्रा है. कार्यक्रम के दौरान चयनित किए गए 80 उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षकों, प्रबंधन समिति और बच्चों ने भी अपनी-अपनी बातों को रखा.
विद्यालय प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी सबसे अधिक: स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव रवि कुमार ने कहा कि उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत कर दी गई है. उत्कृष्ट विद्यालय में आई कमियों को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाएगा. इसके लिए शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन समिति के लोगों से सहयोग की अपील की. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी स्कूली व्यवस्था प्रबंधन समिति के देख-रेख में चलती है. इसलिए शिक्षा के विकास में विद्यालय प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा होती है.
शिक्षा स्तर का नीचे होना दुर्भाग्य की बातःउन्होंने कहा कि आने वाले समय में चार हजार से ज्यादा स्कूलों पर काम करना है. ऐसे में प्रबंधन समिति के सहयोग से स्कूलों का विकास संभव है. सरकार की मंशा है कि राज्य के बच्चों को शिक्षित किया जाए. इसीलिए वो खुद सभी उत्कृष्ट विद्यालय का समय समय पर औचक निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में मॉडल स्कूल का भी निर्माण किया जाएगा. झारखंड सरकार अपने राज्य के बच्चों को शिक्षित करने के लिए हमेशा काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी. कहा कि राज्य में 35 से 36 हजार स्कूल होने के बावजूद भी शिक्षा स्तर काफी नीचे है जो कि निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
अफसोस की जगह अब आगे बढ़ने की जरूरतःकोरोना काल की वजह से दो साल बर्बाद नहीं हुए होते तो आज उत्कृष्ट विद्यालय का सारा कार्य पूरा हो गया होता. अफसोस की जगह अब आगे बढ़ने की जरूरत है. अब इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होने देनी है. शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी को मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि उत्कृष्ट विद्यालय का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए. ताकि राज्य के बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित राज्यों की परिकल्पना तभी की जा सकती है. जब राज्य के सभी लोग शिक्षित हो.