रांची: वित्त विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का लेखा-जोखा साझा किया है. इस वर्ष सरकार को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में 27,734 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में 8,022 करोड़ ज्यादा है. हालांकि केंद्र सरकार से अलग अलग योजनाओं में प्राप्त होने वाले ग्रांट में करीब 713 करोड़ रुपए कम मिले हैं. सबसे खास बात है कि जहां वित्तीय वर्ष 2020-21 में ऋण के रूप में 14,910 करोड़ रुपए प्राप्त किए गये थे. इसकी तुलना में इस वर्ष महज 9,063 करोड़ का ऋण लिया गया. वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद 3,63,084 करोड़ का 1.29 प्रतिशत है.
राज्य सरकार ने 31 मार्च तक खर्च की 86 प्रतिशत राशि, केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में 8 हजार करोड़ का इजाफा
झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 86 प्रतिशत राशि खर्च की है. वहीं केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में आठ हजार करोड़ से अधिका का इजाफा हुआ है.
31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा 15,237 करोड़ राजस्व की प्राप्ति कर वाणिज्य कर विभाग टॉप पर रहा. दूसरे स्थान पर 7,428 करोड़ के साथ खान एवं भूतत्व विभाग रहा. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने 1,693 करोड़, परिवहन विभाग ने 1,187 करोड़, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 1,621 करोड़ और निबंधन विभाग ने 985 करोड़ रुपए सरकार की तिजोरी में डाले.
दूसरी तरफ 31 मार्च, 2022 तक स्कीम मद में 41,907.04 करोड़ रुपए की राशि का औपबंधिक व्यय हुआ है, जो संशोधित स्कीम बजट उपबंध (50,489.31 करोड़ रुपये) का कुल 83% है. इसी तरह स्थापना मद में 35,235.49 करोड़ का औपबंधिक व्यय हुआ है जो संशोधित स्थापना मद का 91 प्रतिशत है.