झारखंड सरकार की 'रेल' योजना रांची: सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन की दिशा में झारखंड सरकार ने एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शुरू किया है. जिसके तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर सप्ताह परीक्षा देनी होगी. झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई योजना रेल (रेगुलर एसेसमेंट फॉर इम्प्रुवमेंट लर्निंग ) प्रोजेक्ट के रूप में जानी जाती है.
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ऐसे कार्य करेगी यह योजना:इस योजना के तहत शनिवार को वर्ग 1 से 8 तक के बच्चों को परीक्षा देनी होती है. झारखंड शिक्षा परियोजना के द्वारा निर्धारित दो विषयों के डिजिटल प्रश्न पत्र जिला के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचाया जाता है. विद्यार्थियों को स्कूल के द्वारा उनके क्लास में प्रश्न पत्र ब्लैक बोर्ड पर लिख कर दिया जाता है, जिसके बाद वे इसका उत्तर लिखकर कॉपी जमा करते हैं. कॉपी का मूल्यांकन उसी दिन स्कूल के शिक्षकों के द्वारा किया जाता है और फिर अभिभावक के पास बच्चे टेस्ट कॉपी लेकर उनके हस्ताक्षर लेने के लिए जाते हैं.
झारखंड सरकार की रेल योजना कोडरमा में दो वर्षों से चल रही योजना:निजी स्कूल की तर्ज पर शुरू की गई इस रेल प्रोजेक्ट को शिक्षा सचिव के रवि कुमार बच्चों की गुणवत्ता की जांच के लिए अहम मानते हैं. उनका कहना है कि इससे बच्चों में शैक्षणिक विकास होगा. इसका उदाहरण पायलट प्रोजेक्ट के तहत कोडरमा में शुरू की गई योजना है, जहां दो साल के अंदर जैक बोर्ड हो या अन्य बोर्ड रिजल्ट काफी बेहतर हुआ है.
साप्ताहिक परीक्षा को लेकर बच्चे उत्साहित:सरकारी स्कूलों में शुरू की गई साप्ताहिक परीक्षा से बच्चे काफी उत्साहित दिख रहे हैं. शिक्षकों का मानना है कि इससे बच्चों में प्रतियोगी भावना की उपज होगी. परीक्षा के भय को भी दूर किया जा सकेगा. महीने में तीसरे शनिवार और छुट्टी के दिन को छोड़कर प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में परीक्षा आयोजित की जाती है. जानकारी के मुताबिक परीक्षा के दिन शनिवार को विद्यार्थियों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक होती है.
गवर्नमेंट मिडिल स्कूल की प्राचार्य क्या कहती हैं:गवर्नमेंट मिडिल स्कूल जगन्नाथपुर की प्राचार्य निर्मला कुमारी कहती हैं कि साप्ताहिक परीक्षा से पहले बच्चों को पूरी तरह से संबंधित पाठ को पढ़ा दिया जाता है. उसके बाद परीक्षा ली जाती है. परीक्षा में मिल रहे अंक यह प्रमाणित करते हैं कि लगातार इन बच्चों में परीक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है. इस वजह से इनके अंक बेहतर आने लगे हैं.
स्कूली बच्चों का इस विषय पर क्या कहना है:क्लास 8 में पढ़ रही सोनम बताती हैं कि उसे पहले परीक्षा से डर लगता था, मगर लगातार जब परीक्षा होने लगी तो अब डर खत्म हो गया और अंक भी अच्छे आने लगे हैं. किशोरगंज मध्य विद्यालय के प्राचार्य घनश्याम ओझा कहते हैं कि रेल प्रोजेक्ट के माध्यम से चल रही साप्ताहिक परीक्षा से बच्चों में शैक्षणिक विकास हो रहा है. उन्हें यह मालूम हो जाता है कि कहां उन्होंने गलतियां की हैं. उसके बाद वह दूसरे सप्ताह उसे सुधारने का काम करते हैं. बहरहाल निजी स्कूलों के तर्ज पर झारखंड के सरकारी स्कूलों में शुरू की गई इस रेल प्रोजेक्ट का कितना लाभ होगा वह वक्त ही बतायेगा.