रांचीः झारखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों के लिए कंट्रोल रूम बनाया है, ताकि डरे सहमे लोगों को मदद पहुंचाई जा सके. इसके साथ ही यूक्रेन में फंसे लोगों के परिजनों को सही सूचना देने के साथ साथ कंट्रोल रूम के जरिए फंसे लोगों को सकुशल वतन वापस लाने की कार्रवाई की जा सके.
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शनिवार की शाम 5 बजे तक राज्यभर के विभिन्न जिलों के 86 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है. इसकी सूची झारखंड सरकार ने जारी की है. कंट्रोल रूम में मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा रांची के 23 लोग यूक्रेन में फंसे हैं. इन फंसे लोगों को वतन वापस लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
कंट्रोल रूम को अब तक 86 लोगों की जानकारी मिली है. इसमें 24 महिलाएं हैं. जिला स्तर पर जारी आंकड़ा के अनुसार बोकारो के 3, देवघर के एक, पूर्वी सिंहभूम के 10, गढ़वा के 3, गोड्डा के 7, हजारीबाग के 11, खूंटी के एक, लातेहार के 2, पलामू के 2, रामगढ़ के 2, रांची के 25, साहिबगंज के 11, पश्चिम सिंहभूम के एक और अन्य चार शामिल हैं. इन लोगों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने स्तर से कोशिश करना शुरू कर दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा है कि यूक्रेन में फंसे लोगों को झारखंड सरकार सरकारी खर्च के जरिए वापस लाएगी.
राज्य सरकार यूक्रेन में फंसे झारखंड के लोगों की सकुशल घर वापसी को लेकर लगातार भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से संपर्क में है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची को टैग करते हुए लिखा है कि झारखंड के आदित्य राज सहित अन्य लोग जो पढ़ाई या काम करने यूक्रेन गये थे. उनकी मदद की जाय.