रांचीः आम तौर पर किसानों से धान की खरीद होने के बाद गोदाम के अभाव में जैसे तैसे धान को रख दिया जाता था. जिस वजह से इसके सड़ने की शिकायतें आती थी और चावल मिल ऐसे धान का उठाव करने से परहेज करते थे. विभाग ने इन परेशानियों को दूर करने के लिए अब बड़े गोदाम में धान रखने का निर्णय (Jharkhand government arranging godowns) लिया है. इसके लिए सरकार या तो गोदाम का निर्माण करेगी या निजी गोदामों को किराये पर लेकर तत्काल व्यवस्था करेगी.
झारखंड सरकार ने इस वर्ष होने वाली धान की खरीद की तैयारी शुरू कर दी है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक तैयारी के तौर पर विभाग ने इस वर्ष समय से पहले धान गोदामों की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है. वर्तमान समय में विभाग के पास 57 गोदाम हैं जो अत्यंत ही छोटे हैं जिसमें धान रखने में परेशानी होती है. खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव (Minister of Food and Supplies Dr Rameshwar Oraon) ने जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष धान खरीदने से पहले विभाग बड़े गोदाम की व्यवस्था करेगी जिससे धान सुरक्षित रखा जा सके.
मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव उन्होंने कहा कि विभाग यह भी सुनिश्चित करने जा रही है कि समय पर किसानों को धान के पैसे मिल जाएं. इस बार विभाग ने पहले ही इंतजाम कर रखा था इस वजह से कोई परेशानी नहीं हुई. इस बार भी विभाग किसानों के लिए ये सारी व्यवस्था कर रही है.
वर्तमान में 57 गोदाम, 200 गोदाम सह विपणन केंद्र बनाने का लक्ष्यः वर्तमान समय में विभाग के पास 57 गोदाम हैं, जिसकी क्षमता 4.45 लाख मीट्रिक टन की है. इस वर्ष लैम्पस और पैक्स के अवसर पर 200 गोदाम के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्येक गोदाम की लागत 24 लाख विभाग के द्वारा अनुमानित की गई है. इसके अलावा 500 टन क्षमता वाले गोदाम के साथ मॉडल लैम्प्स पैक्स के रूप में ब्लॉक स्तर पर निर्माण करने की सरकार की योजना है जिससे भंडारण क्षमता बढ़ सके. इधर केंद्र सरकार के द्वारा चतरा के इटखोरी, गोड्डा के पोड़ैयाहाट और दुमका में 10-10 हजार मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाने की तैयारी है.
अगले वर्ष तक राज्य को मिलेगा 14 नये राइस मिलः खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि राज्य में अगले वर्ष तक 14 नये राइस मिल तैयार हो जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों इसका शिलान्यास किया गया था इसके बाद जियाडा द्वारा जमीन भी राइस मिल को आवंटित की जा चुकी है. अगले वर्ष तक राइस मिल तैयार हो जाएगा तो दूसरे राज्य में स्थित राइस मिल को यहां से धान नहीं भेजा जा सकेगा. राज्य सरकार ने पलामू, सिमडेगा, खूंटी, गुमला, गढ़वा, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद, बोकारो और गोड्डा जिला में 14 राइस मिल खोलने का निर्णय लिया है जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर चुके हैं.