किसानों को सरकार देगी निःशुल्क बीज, रांची: झारखंड में वर्ष 2022 की तरह इस वर्ष भी खराब मौसम और मानसून के शुरुआती महीनों में बेरुखी से खरीफ की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. राज्य के 28 लाख 27 हजार 460 हेक्टेयर में से 17 लाख 63 हजार 608 हेक्टेयर में ही फसल लग सकी, जबकि 10 लाख 63 हजार 852 हेक्टेयर खेत खाली रह गये. जिन खेतों में खरीफ की फसलें उगाई गई है, वहां पैदावार कम होने की आशंका है. ऐसे में राज्य सरकार दो योजनाओं पर आगे बढ़ रही है.
यह भी पढ़ें:झारखंड के किसानों को वन उपज पर एमएसपी, पेड़ों की रक्षा के लिए मिलेगी मजदूरी, सीएम हेमंत ने मेधा डेयरी प्लांट के उद्घाटन के बाद किया एलान
खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई रबी से करने के लिए किसानों को चना और सरसों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है. वहीं, मसूर के बीज वितरण की भी योजना है, वहीं जिन लोगों ने प्रतिकूल मौसम के बावजूद अपने खेतों में धान-मकई की फसल लगाई है और उनकी उपज प्रभावित होने की आशंका है, उनके लिए इस वर्ष भी फसल राहत योजना शुरू की गयी है. इसके लिए 15 अक्टूबर तक किसान किसी भी प्रज्ञा केंद्र में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
सरकार की ओर से किया जा रहा बीज का निशुल्क वितरण:
- 20 हजार हेक्टेयर में सरसों की खेती के लिए किसानों के बीच होगा 120000 किलो सरसों बीज का निःशुल्क वितरण
- 1400 हेक्टेयर में चना की खेती के लिए होगा 70000 किलो चना बीज का निःशुल्क वितरण
- 500 हेक्टेयर में मसूर की खेती के लिए 12500 किलो मसूर बीज का होगा निशुल्क वितरण
- राज्य के चुने गए 12 जिलों के 1670 हेक्टेयर में तिलहन की खेती के लिए 10200 किलो बीज का होगा निशुल्क वितरण.
झारखंड फसल राहत योजना के लिए 15 अक्टूबर तक निबंधन: राज्य सरकार ने इस वर्ष भी मक्का और धान की खेती करने वाले किसानों के लिए झारखंड फसल राहत योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत उन किसानों को लाभ मिल सकेगा जिन्होंने फसल तो लगा रखी है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण उनकी पैदावार बुरी तरह प्रभावित हुई है. इस योजना के तहत यदि उपज में 30% से 50% तक की कमी हो जाती है तो ₹3000 प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा. वहीं उपज में 50% से ज्यादा कमी होने पर अधिकतम 05 एकड़ तक 4000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी. राज्य के किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए 15 अक्टूबर तक प्रज्ञा केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जल्द शुरू होगा बीज वितरण:राज्य के कृषि उपनिदेशक ने कहा कि एक तरफ जहां किसानों को मुफ्त बीज वितरण कर खरीफ फसल के कम आच्छादन के अंतर को पाटना है. वहीं दूसरी ओर इन दिनों अच्छी बारिश के कारण खाली पड़े खेतों में नमी का फायदा रबी फसल के लिए लेना होगा. वहीं वैसे किसान जिन्होंने खेती तो लगा ली है लेकिन उपज पर मौसम का असर होगा तो वैसे किसान की पूंजी न डूबे, उन्हें राहत के लिए फसल राहत योजना है. जिला कृषि पदाधिकारी रामशंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि जल्द ही रबी फसलों के बीज किसानों के बीच वितरित होने लगेंगे.