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गैंगस्टर सुजीत सिन्हा जमशेदपुर से धनबाद जेल शिफ्ट, शिकंजे की तैयारी में पुलिस

जेल से ही हाईटेक तरीके से रंगदारी मांगने वाला गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को जमशेदपुर जेल से धनबाद जेल शिफ्ट कर दिया गया है. सुजीत जेल से ही अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बिहार और झारखंड के बिजनसमैन से रंगदारी मांगता था.

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गैंगस्टर सुजीत सिंहा पर शिकंजा

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Published : Jun 3, 2021, 12:23 PM IST

रांची: जेल से ही हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल कर गैंग का संचालन करने वाले गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को जमशेदपुर जेल से धनबाद जेल शिफ्ट कर दिया गया है. धनबाद जेल में सुजीत को सीसीटीवी लगे वार्ड में रखा गया है, ताकि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी सके. पिछले कई सालों से जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद सुजीत जेल से ही अपनी सलतनत चला रहा था. सुजीत सिन्हा झारखंड का पहला गैंगस्टर है जो हर तरह के हाईटेक तरीके का इस्तेमाल कर अपने गुर्गों को बड़े कारोबारियों से रंगदारी की डिमांड करवाता है.

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घाघीडीह जेल में बना ली थी पैठ

सुजीत सिन्हा ने जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में अपनी पैठ बना ली, कई जेल कर्मी उसके मददगार बन गए थे. उन्हीं की मदद से वह अपने गैंग का संचालन कर रहा था. मामले में जेल कर्मियो पर भी जांच चल रही है. यही वजह है कि सुजीत सिन्हा को घाघीडीह जेल से धनबाद जेल शिफ्ट करने का फैसला लिया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उसे धनबाद जेल शिफ्ट कर दिया गया.

टेलीग्राम ऐप के जरिए करता था गैंग का संचालन

सुजीत और अमन साव गिरोह का संचालन जेल में ही रह कर टेलीग्राम एप के जरिए कर रहा था. पूछताछ के दौरान गिरोह के अहम सदस्य प्रदीप गंझू ने इस संबंध में कई खुलासे किए थे. लातेहार पुलिस और एनआईए ने हाल के दिनों में प्रदीप गंझू से लंबी पूछताछ की थी. एनआईए के तेतरियाखाड़ फायरिंग केस में प्रदीप गंझू को रिमांड पर लिया गया था. इससे पहले लातेहार पुलिस ने कई अलग- अलग कांडों में प्रदीप गंझू को रिमांड पर लिया था. गिरोह ने झारखंड के कोयला क्षेत्रों के अलावा बिहार में भी युवाओं को आपराधिक संगठन से जोड़ा है. बिहार के सदस्य झारखंड के अपराधियों को संरक्षण देते हैं, साथ ही पिस्टल, कारतूस की सप्लाई भी करते है.

किन-किन टेलीग्राम नंबर का इस्तेमाल करते हैं अपराधी

पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि सुजीत सिन्हा के कहने पर अमन साहू वारदात की योजना बनाता था. अमन साव जेल में रहते हुए सोनाली शाही, पूजा कुमारी, हेमंत सरकार के नाम से आईडी चलाई जाती थी. वह मोबाइल नंबर +16062824985, 6206604429, +19783122742, +17409198284, +15672305101, +13526162403 का इस्तेमाल करता था.

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इसी तरह गिरोह के सदस्य शाहरूख अंसारी रजनीकांत नाम की आईडी का इस्तेमाल करता था. वह व्हाट्सएप पर मोबाइल नंबर +12183777786 का इस्तेमाल करता था. रांची समेत अन्य जिलों में व्यवसायियों से रंगदारी मांगने वाले मयंक सिंह व्हाटसएप नंबर +16572882094 का इस्तेमाल करता था. मयंक सिंह को हथियार की सप्लाई रांची का अभिषेक नाम का युवक करता था.

अमन साव पर भी निगरानी बढ़ी

मामला सामने आने के बाद जेल में बंद अमन साहू पर भी पुलिस अब लगातार नजर रख रही है. अमन साव पुलिस को बड़ी मुश्किल के बाद हाथ लगा था.

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