रांची: जेल से ही हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल कर गैंग का संचालन करने वाले गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को जमशेदपुर जेल से धनबाद जेल शिफ्ट कर दिया गया है. धनबाद जेल में सुजीत को सीसीटीवी लगे वार्ड में रखा गया है, ताकि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी सके. पिछले कई सालों से जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद सुजीत जेल से ही अपनी सलतनत चला रहा था. सुजीत सिन्हा झारखंड का पहला गैंगस्टर है जो हर तरह के हाईटेक तरीके का इस्तेमाल कर अपने गुर्गों को बड़े कारोबारियों से रंगदारी की डिमांड करवाता है.
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घाघीडीह जेल में बना ली थी पैठ
सुजीत सिन्हा ने जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में अपनी पैठ बना ली, कई जेल कर्मी उसके मददगार बन गए थे. उन्हीं की मदद से वह अपने गैंग का संचालन कर रहा था. मामले में जेल कर्मियो पर भी जांच चल रही है. यही वजह है कि सुजीत सिन्हा को घाघीडीह जेल से धनबाद जेल शिफ्ट करने का फैसला लिया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच उसे धनबाद जेल शिफ्ट कर दिया गया.
टेलीग्राम ऐप के जरिए करता था गैंग का संचालन
सुजीत और अमन साव गिरोह का संचालन जेल में ही रह कर टेलीग्राम एप के जरिए कर रहा था. पूछताछ के दौरान गिरोह के अहम सदस्य प्रदीप गंझू ने इस संबंध में कई खुलासे किए थे. लातेहार पुलिस और एनआईए ने हाल के दिनों में प्रदीप गंझू से लंबी पूछताछ की थी. एनआईए के तेतरियाखाड़ फायरिंग केस में प्रदीप गंझू को रिमांड पर लिया गया था. इससे पहले लातेहार पुलिस ने कई अलग- अलग कांडों में प्रदीप गंझू को रिमांड पर लिया था. गिरोह ने झारखंड के कोयला क्षेत्रों के अलावा बिहार में भी युवाओं को आपराधिक संगठन से जोड़ा है. बिहार के सदस्य झारखंड के अपराधियों को संरक्षण देते हैं, साथ ही पिस्टल, कारतूस की सप्लाई भी करते है.