रांचीः विधानसभा घेराव के दौरान अनुपस्थित हुए पारा शिक्षकों का एक दिन का मानदेय झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने काट लिया है. इस पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा राज्य कमेटी ने ऐतराज जताया है. कमेटी ने सरकार की ओर से 1 दिन का मानदेय काटे जाने पर ऐतराज जताया है. साथ ही झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद से जल्द से जल्द कटे मानदेय का भुगतान करने की मांग की है. संगठन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कटे मानदेय का भुगतान कराने की मांग की है.
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गौरतलब है कि पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर राज्य के हजारों पारा शिक्षक विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पांच दिवसीय आंदोलन में शामिल हुए थे. हर दिन अलग-अलग जिलों के पारा शिक्षक धरना स्थल पर पहुंचकर लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत थे. उस दौरान शिक्षा विभाग की ओर से पारा शिक्षकों को चेतावनी दी गई थी कि अगर विद्यालय में पठन-पाठन का काम बाधित होगा तो पारा शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई होगी और उनका वेतन भी काटा जाएगा. इसी के तहत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक दिन अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का 1 दिन का मानदेय काट लिया गया है.
'गुरुजी' हुए लाल
विधानसभा घेराव के लिए अनुपस्थित पारा शिक्षकों का कटा मानदेय, शिक्षकों ने जताया ऐतराज - झारखंड में पारा शिक्षकों का मानदेय
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कक्षा छोड़कर आंदोलन के लिए रांची आना झारखंड के पारा शिक्षकों को महंगा पड़ा है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने आंदोलन के लिए एक दिन गैरहाजिर रहे शिक्षकों का एक दिन का मानदेय काट लिया है. एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य कमेटी ने इस पर ऐतराज जताया है.
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एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से कहा गया है कि सभी पारा शिक्षक 1 दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर अपने मांगों के समर्थन में विधानसभा का घेराव करने गए थे. लेकिन झारखंड के पदाधिकारियों ने दमनकारी नीति अपनाते हुए आंदोलन के लिए 1 दिन का मानदेय काट लिया है. जो अशोभनीय है. सीएल पर मानदेय काट लेना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है. मामले को लेकर पारा शिक्षकों ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद से जल्द से जल्द 1 दिन का मानदेय भुगतान करने की मांग की है. मोर्चा के पदाधिकारियों ने सीएम से भी इसकी अपील की है.