रांची:झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 18 से 20 मार्च 1940 को हुए रामगढ़ अधिवेशन के 75वें वर्ष पूरे होने पर इसे स्मरणोत्सव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसे लेकर 20 मार्च को पार्टी की ओर से रामगढ़ में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में सभी मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. वहीं पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बाद रामगढ़ में बड़ी जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को भी आमंत्रित किया जाएगा.
20 मार्च को कांग्रेस मनाएगी स्मरणोत्सव दिवस, रामगढ़ में होगा कार्यक्रम का आयोजन - रामगढ़ अधिवेशन
झारखंड कांग्रेस ने रामगढ़ अधिवेशन के 75वें वर्ष पूरे होने पर इसे स्मरणोत्सव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. 20 मार्च को कांग्रेस रामगढ़ में एक कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के अलावा सभी मंत्री, विधायक और पार्टी के कई कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बताया कि कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में ही देश की आजादी की बुनियाद रखी गई और इस अधिवेशन के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाने की तैयारी की गई है, हालांकि अभी विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है और पार्टी के सभी शीर्ष नेता पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं, इस वजह से विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद रामगढ़ में एक बड़ी जनसभा और ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित कर पुरखों को याद किया जाएगा.
रामगढ़ में रखी गई अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन की नींव
आलोक कुमार दुबे ने बताया कि रामगढ़ में आयोजित अधिवेशन में अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन की नींव रखी गई थी, रामगढ़ अधिवेशन के 6 साल बाद देश को आजादी मिली, जिस स्थल पर अधिवेशन का आयोजन किया गया था, वहां पर अब अशोक स्तंभ बना हुआ है, अशोक स्तंभ वाला स्थान सिख रेजीमेंट सेंटर के अंदर चला गया है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी के रामगढ़ अधिवेशन को लेकर 18 से 20 मार्च तक 1940 में रामगढ़ में दामोदर नदी के किनारे जंगलों में सैकड़ों पंडाल लगाए गए थे, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का निवास हुआ था, इस अधिवेशन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ श्रीकृष्ण सिंह, राजेंद्र प्रसाद जैसे तमाम नेताओं की भागीदारी हुई थी, अधिवेशन की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी.