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कांग्रेस की धरोहर श्रृंखला का 23वां वीडियो जारी, आजादी की लड़ाई में सेवादल की अहम भूमिकाः रामेश्वर - कांग्रेस सेवादल की खबरें

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने धरोहर श्रृंखला का 23वां वीडियो जारी किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने रविवार को सोशल मीडिया पर अपलोड कर देश की वर्तमान पीढ़ी को सेवादल के इतिहास के बारे में बताने के मकसद से इसे जारी किया गया है.

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कांग्रेस की धरोहर श्रृंखला का 23वां वीडियो जारी

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Published : Nov 2, 2020, 2:37 AM IST

रांचीः अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने धरोहर श्रृंखला का 23वां वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया है. प्रदेश कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की धरोहर की 23वें वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि नागपुर में फ्लैग सत्याग्रह के दौरान जेल यात्रा के बाद एमएस हार्डिकर ने सेवादल के गठन का विचार लेकर जवाहरलाल नेहरू से चर्चा कर सेवादल संगठन की स्थापना की. हमारी धरोहर का यह एपिसोड सेवादल के गठन और स्वाधीनता संग्राम में योगदान को बयान करता है.

सेवा दल की स्थापना का जिक्र

उन्होंने कहा कि साल 1923 असहयोग आंदोलन के बाद आजादी के संघर्ष की परवान पर चढ़ने का दौर था. नागपुर में फ्लैग सत्याग्रह के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हीं में एमएस हार्डिकर की ओर से स्थापित हुगली सेवा मंडल के सदस्य भी थे. अंग्रेजों ने उनको तोड़ने, डराने, मनाने की तमाम कोशिशें की लेकिन वह विफल साबित हुए और इसी दौरान जेल में रहते हुए ही एमएस हार्डिकर के मन में एक विचार आया सेवादल के गठन का. एक ऐसा संगठन जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उनमें फौजी अनुशासन और ब्रिटिश हुकूमत से लड़ने का मजबूत जज्बा पैदा कर सके. जेल से बाहर आते ही हार्डिकर ने इलाहाबाद जाकर नेहरू से मुलाकात की और सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले लड़ाका संगठन की स्थापना पर चर्चा की. 1923 में सरोजनी नायडू ने हिंदुस्तानी सेवादल बनाने का प्रस्ताव रखा. पंडित नेहरू को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया. यही संगठन आगे चलकर कांग्रेस सेवादल के रूप में जाना गया.

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कई बड़े राजनेता रहे सेवादल के सदस्य

कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि आजादी के आंदोलन में कांग्रेस सेवादल के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1932 में सेवादल की क्रांतिकारी गतिविधियों और लोकप्रियता से घबराकर अंग्रेजी हुकूमत ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया. वहीं मंत्री बादल और बन्ना गुप्ता ने कहा कि सेवादल की लोकप्रियता और महत्व का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पंडित नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक सब ने कांग्रेस सेवादल को देश का सच्चा सिपाही कहा है. इतना ही नहीं कांग्रेस सेवादल की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि नेहरू के साथ ही देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राजगुरु जैसी हस्तियां कांग्रेस सेवादल से जुड़ी रही हैं और सदस्य रहे.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लालकिशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कांग्रेस सेवादल हमेशा से भारतीय जनमानस की रीढ़ रही है. कांग्रेस सेवादल कांग्रेस की मजबूती रही है. कांग्रेस सेवादल की मजबूती का मतलब है देश की मजबूती. क्योंकि सेवादल के विचार में देश महत्वपूर्ण रहा है. इतना ही नहीं कोरोना वायरस बीमारी में भी कांग्रेस सेवादल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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