रांची: झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष पद से डॉ अजय कुमार के इस्तीफा देने के बाद अब बीजेपी का उनको लेकर सुर बदला बदला नजर आ रहा है. हैरत की बात यह है कि प्रदेश बीजेपी ने पूर्व आईपीएस रहे डॉ अजय को कर्मठ अधिकारी माना है और उनकी पारखी नजर की तारीख की है. बीजेपी के इस बदलाव का कहीं कुछ और तो इशारा नहीं, ये एक बड़ा सवाल है.
डॉ अजय को लेकर बीजेपी के बदले सुर, उनकी पारखी नजर की तारीफ करना कोई इशारा तो नहीं?
झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है. राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है. सभी नेता अपने अपने जुगाड़ में लग गए हैं. कुछ दिन पहले झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अजय कुमार को लेकर बीजेपी के हमेशा तीखे तेवर रहे हैं, लेकिन अचानक ने उनके खिलाफ बोलने से परहेज कर लिया है.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए डॉ अजय कुमार ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीजेपी से संस्कार सीखने की नसीहत दी थी, जिसके बाद लगातार प्रदेश कांग्रेस के एक गुट ने डॉ अजय का विरोध करते हुए आशंका जाहिर की थी कि डॉ अजय कभी भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, क्योंकि डॉ अजय बीजेपी से संस्कार सीखने की नसीहत देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं. ऐसे में डॉ अजय के प्रति बीजेपी के बदले - बदले सुर कांग्रेस के विरोधी गुट द्वारा जाहिर किए गए आशंकाओं की ओर इशारा करते दिख रहा है.
बीजेपी का बदला रूख
सोमवार को बीजेपी के स्टेट हेड क्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस दौरान जहां प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव जो लगातार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे डॉ अजय के खिलाफ आग उगलते थे, उनसे डॉ अजय कुमार के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर उनके सुर बदले बदले नजर आए. उन्होंने कहा कि डॉ अजय पूर्व आईपीएस रह चुके हैं और उनकी पारखी नजर है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि डॉ अजय कुमार को अपराधियों की बेहतर पहचान है और जिस तरह से एक झटके में कांग्रेस के नेताओं की तुलना गैंग्स ऑफ वासेपुर टू से की है, ऐसे में कांग्रेस के नेताओं को अब कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं रहा है.