रांची: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है. 23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 02 साल की सजा और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी को जमानत भी मिल गयी. इस बीच जनप्रतिनिधि कानून के तहत स्पीकर ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी है.
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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. इस मामले में संसद सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस आग बबूला है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने साजिश के तहत राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करवाई है. उनका कहना है बीजेपी राहुल गांधी से बीजेपी डर रही है इसलिए उनकी सदस्यता रद्द की गई है.
झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि लोकसभा सचिवालय का यह फैसला अचंभित करने वाला है. उन्होंने कहा कि लगातार भाजपा के नेता यह प्रयास कर रहे थे कि राहुल गांधी को लोकसभा में नहीं बोलने दिया जाए. राजेश ठाकुर ने कहा कि भले ही उनके नेता राहुल गांधी को सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा हो, लेकिन सड़क पर वह यह सवाल उठाते रहेंगे कि अडाणी और पीएम मोदी में क्या संबंध है. उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी यह बतायेंगे कि कैसे मोदी और अडाणी की दोस्ती अब देश पर भारी पड़ने लगी है.
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अपने नेता के साथ पूरी तरह खड़ी है. उनके संघर्ष में झारखंड कांग्रेस का एक एक नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ मिलकर संघर्ष करेगा. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता आनन फानन में समाप्त करना विरोध की राजनीति को कुचलने की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के आक्रामक तेवर से भाजपा सहमी हुई है. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ साथ कांग्रेस जनता की अदालत में जाकर यह बताएगी कि कैसे मोदी और अडाणी की दोस्ती देश पर भारी पड़ रही है.