रांची: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने की संभावना है. यहां कांग्रेस, बीजेपी और सत्तारुढ बीआरएस के बीच त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होने के आसार हैं. इधर कांग्रेस ने इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड सहित देशभर से अपने शीर्षस्थ नेताओं को तेलंगाना भेजना शुरू कर दिया है. जिसके तहत कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम को महबूबनगर लोकसभा के नारायणपेट विधानसभा क्षेत्र में जिम्मेदारी दी गई है.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने झोंकी ताकत, झारखंड सहित देशभर के नेताओं को दी गई जिम्मेदारी
कांग्रेस ने आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी तेज कर दी है. खासकर तेलंगाना के लिए कांग्रेस ने विशेष रणनीति बनाई है. दो दिन पहले हैदराबाद में सीडब्लूसी की बैठक हुई, जिसमें सोनिया, राहुल समेत सभी दिग्गज नेता पहुंचे थे. इस बैठक में तेलंगाना के हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेवारी दी गई है, जिसमें झारखंड के नेता भी शामिल हैं.
Published : Sep 18, 2023, 8:26 PM IST
सोमवार को तेलंगाना के नारायणपेट विधानसभा क्षेत्र पहुंचे आलमगीर आलम ने कांग्रेस के 6 गारंटी संबंधित बुकलेट को लॉन्च किया. इस मौके पर आलमगीर आलम ने झारखंड में कांग्रेस के सहयोग से चल रही सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि हमने चुनाव के वक्त ना केवल किसानों से जो वादा किया था उसे पूरा किया है बल्कि कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन देने का काम किया है.
हैदराबाद कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में दी गई जिम्मेदारी:हैदराबाद में पिछले दिनों हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई और विधानसभा वार कार्यक्रम के लिए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को महबूबनगर के नारायणपेट विधानसभा के लिए नियुक्त किया गया है. संबंधित विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं के द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के तहत पद यात्रा कार्यक्रम किया जाएगा. इसके अलावा कांग्रेस द्वारा दिए गए 6 गारंटी का प्रचार प्रसार का भी जिम्मा उन्हें दिया गया है.
तेलंगाना के 119 विधानसभा सीट के लिए हर एक सदस्य को जिम्मेदारी दी जा रही है. गौरतलब है कि वर्तमान समय में तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में बीआरएस की सरकार है. केसीआर ने 2018 में दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2022 में उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया था. टीआरएस ने 2018 में 119 सदस्यी विधानसभा में 87 सीटें जीती थी.