कांग्रेस बीजेपी नेताओं के बयान रांची:2024 के चुनावी जंग के लिए भाजपा मिस कॉल के जरिए जनता से समर्थन लेने जा रही है. पार्टी ने इसके लिए व्यापक तैयारी की है. भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व के द्वारा इसकी मॉनेटरिंग भी की जायेगी. पार्टी को इसके जरिए यह जानकारी मिलेगी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रति जनता का क्या रुख है. मिस कॉल की शुरुआत 30 मई को होगी जो पूरे जून महीने भर चलेगी.
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अभियान के दौरान भाजपा कार्यकर्ता और नेता लोगों के घरों तक पहुंचकर मिस कॉल करने के लिए प्रेरित करेंगे. आम लोगों के द्वारा होने वाले मिस कॉल रुपी समर्थन की मॉनेटरिंग दिल्ली में बनी बीजेपी की आईटी सेल करेगी. इसके जरिए राज्यवार आंकड़ा भाजपा के पास होगा कि किस राज्य से कितना मिस कॉल रुपी समर्थन प्राप्त हुआ है.
मिस कॉल का प्रयोग सदस्यता अभियान में कर चूकी है बीजेपी:बीजेपी का मिस कॉल कन्सेप्ट पुराना है. इससे पहले सदस्यता अभियान के दौरान इसका प्रयोग हो चुका है. जिसके बाद भाजपा द्वारा दुनियां की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा किया जाने लगा. झारखंड में मिस कॉल के माध्यम से 44 लाख सदस्य बनाये गए थे, मगर जब पार्टी स्तर पर मिस कॉल करने वाले लोगों की वास्तविक जानकारी इकठ्ठा होने लगी तो यह सिमट कर 32 लाख पर पहुंच गया यानी 12 लाख मिस कॉल या तो फर्जी पाए गए या मोबाइल धारक की पहचान नहीं हो पाई कि किसने मिस कॉल किया है. ऐसे में एक बार फिर 2024 के चुनावी जंग जीतने के लिए पार्टी द्वारा मिस कॉल के जरिए लोगों का समर्थन लेने का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है, जिसके लिए जल्द ही पार्टी द्वारा मोबाइल नंबर जारी किया जायेगा.
मिस कॉल पर शुरू हुई राजनीति:भाजपा के मिस कॉल अभियान पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने बीजेपी को मिस कॉल वाली पार्टी बताते हुए कहा है कि जब जनता ने बीजेपी को नकारने का मन बना लिया है तो ये मिस कॉल करके समर्थन लेना चाहते हैं. पार्टी के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा है कि मिस कॉल धोखा है जो बीजेपी करती रही है. इधर कांग्रेस के तंज पर बीजेपी ने जवाब देते हुए कहा है कि वो क्या बोलेंगे जिन्होंने अभी तक प्रदेश अध्यक्ष और प्रवक्ता से बाहर नहीं निकल पायें हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि देश की जनता मोदीजी के नेतृत्व में देश का विकास चाहती है इसलिए मिस कॉल के जरिए यदि समर्थन देना चाहती है तो कांग्रेस को पच नहीं रहा है.
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बहरहाल 2024 के चुनावी जंग होने में अभी भले ही देरी हो मगर हर राजनीतिक दल अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है. ऐसे में जून महीने में बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर पहुंच कर जहां केन्द्र की बीजेपी सरकार की उपलब्धि जनता तक पहुंचाने का काम करेंगे वहीं आम लोगों से मिस कॉल के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को समर्थन देने का आग्रह करते हुए दिखेंगे.