रांची:कोरोना के बावजूद झारखंड में बीते वित्तीय सत्र में रिकॉर्ड कर संग्रहण हुआ है. वाणिज्यकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में करीब 25 फीसदी अधिक यानी 19750 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है. वाणिज्यकर विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि लक्ष्य की तुलना में विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष में करीब 107 फीसदी कर संग्रह किया है जो अब तक का रिकॉर्ड है.
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कॉमर्शियल टैक्स सचिव आराधना पटनायक ने मीडिया को बताया कि कोरोना के बावजूद बीते वित्तीय सत्र में झारखंड में रिकॉर्ड कर संग्रहण हुआ है. वाणिज्यकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में करीब 25 फीसदी अधिक यानी 19750 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह किया है. विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष में करीब 107 फीसदी कर संग्रह किया है जो अब तक का रिकॉर्ड है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभाग ने 16147 करोड़ राजस्व संग्रह हुआ था.
इस तरह से देखा जाय तो अब तक विभाग 16000 करोड़ रुपये के करीब राजस्व वसूली कर पाता था मगर इस बार विभाग के कर्मियों के प्रयास से यह रिकॉर्ड बना. उन्होंने कहा कि इसी तरह चालू वित्तीय वर्ष के दौरान भी कर संग्रह करने का काम करना है. विभाग को मिली इस सफलता पर उत्पाद भवन में आयोजित कार्यशाला में विभागीय सचिव आराधना पटनायक द्वारा उत्कृष्ट कर संग्रहण कार्य के लिए 17 अधिकारियों और कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
इंटेलिजेंस एंड रेवेन्यू एनालिसिस विंग होगा सशक्तःसचिव आराधना पटनायक ने आने वाले समय में अतिरिक्त कर विभाग द्वारा लगाए जाने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पहली बार विभाग द्वारा बनाए गए इंटेलिजेंस एंड रेवेन्यू विंग को और भी मजबूत किया जाएगा, जिससे राजस्व संग्रह अधिक से अधिक हो सके. उन्होंने कहा कि केन्द्र से मिलने वाले जीएसटी कंपनसेशन की करीब 4000 करोड़ की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है, यह बड़ी चुनौती है.
सचिव ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में बकाया करीब 1800 करोड़ ही प्राप्त होगा उसके बाद जीएसटी कंपनसेशन की राशि नहीं मिलेगी. इसकी क्षतिपूर्ति हम अपने संसाधनों को मजबूत कर करेंगे. हालांकि जीएसटी कंपनसेशन बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा केन्द्र से पत्राचार किया गया है मगर जब तक कुछ निर्णय नहीं होता है तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता. आराधना पटनायक ने कहा कि इसके लिए विभाग अपने ऑडिट विंग को मजबूत करने जा रहा है जिससे अधिक से अधिक राजस्व संग्रह हो सके और कर चोरी रोकी जा सके.