रांची:पूरा मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है. हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है. कुछ दिन पहले वहां की एक महिला पर ढाए गये जुल्म वाले वीडियो ने इंसानीयत को झकझोर कर रख दिया है. संविधान की गरिमा तार-तार हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर में बिगड़े हालात पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि मणिपुर में शांति, एकता, न्याय और लोकतंत्र खतरे में है. वहां की राज्य सरकार हालात संभालने में नाकाम साबित हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो माह के भीतर मणिपुर में 40 हजार के ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. उनमें बच्चे भी शामिल हैं.
आए दिन दिल दहलाने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं. महिला को भरी भीड़ में नंगा घुमाया गया है. भीड़ के सामने महिला के साथ रेप हुआ है. ऐसा लग रहा है कि वहां कि विधि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. कुछ लोगों के स्वार्थ की वजह से जनजातीय हिंसा नहीं रूक रही है. ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि मिलकर वहां शांति व्यवस्था कायम करें. न्याय के सिद्धांत के लिए आप हमेशा मार्गदर्शन देती रही हैं. लिहाजा, मणिपुर के मौजूदा हालात को देखते हुए सबकी नजर आप पर टिकी हुई है. ऐसे विपरित हालात में सिर्फ आप ही अंतिम उम्मीद बची हैं जो वहां की व्यवस्था को पटरी पर लाने में अहम भूमिका अदा कर सकती हैं. हम अपने जनजातीय भाई-बहनों को ऐसे बर्रबर माहौल में भुगतने के लिए नहीं छोड़ सकते. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वे इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालें.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में मणिपुर के उन खिलाड़ियों का भी जिक्र किया है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया है. उन्होंने लिखा है कि जनजातीय बहुल इस राज्य की पहचान उसकी विविध संस्कृति और शांतिपूर्ण वातावरण की वजह से होती है. इस राज्य ने कुंजारानी देवी, तोईबा सिंह, रेनेडी सिंह, डिंको सिंह, मीराबाई चानू, सरीता देवी और मैरी कोम जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जिन्होंने देश का मान बढ़ाया है. विपदा की इस घड़ी में सिर्फ आप ही अंतिम उम्मीद बची हैं जो शांति का प्रकाश कायम करने में प्रेरणास्रोत बन सकती हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर की घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि वहां घटना नहीं बल्कि गृहयुद्ध चल रहा है. हमने जो समझा है उसे हम कर रहे हैं बांकी मीडिया जिस तरह से इसे इंटरप्रेट करे. आर्यभट्ट सभागार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडियाकर्मियों से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही.
हेमंत पर रघुवर का निशाना: वहीं पूर्व सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत पर साधा निशाना है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना पर सीएम हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति मको पत्र लिखा है. लेकिन झारखंड में रुबिका पहाड़िन के दिलदार ने टुकड़े-टुकड़े कर दिए, अंकिता को शाहरुख ने जिंदा जला दिया, दुमका में आदिवासी बच्ची का रेप-हत्या कर पेड़ से लटका दिया, साहिबगंज में घर से उठाकर आदिवासी बच्ची से रेप, आश्रम में साध्वी से रेप, गुमला-रांची नाबालिग बच्चियों के साथ रेप जैसी घटनाओं पर हेमंत सोरेन जी की चुप्पी क्यों? झारखंड की बेटियों की चित्कार आपको सुनाई क्यों नहीं देती है? अपने पत्र में मणिपुर के साथ कम से कम पश्चिम बंगाल के मालदा और बिहार के बेगूसराय की घटना का जिक्र भी कर लेते. क्या हेमंत जी इन घटनाओं का समर्थन करते हैं? ऐसे गंभीर और संजीदा मुद्दे पर राजनीति करने से पहले कुछ तो शर्म कीजिए.