रांचीः झारखंड में अन्य विभागों में लागू राइट टू सर्विस (Right to Service) के प्रावधानों की तरह उद्योग विभाग में भी इसे लागू करने की मांग उठने लगी है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चैंबर भवन में आयोजित कार्यक्रम में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता को ज्ञापन देकर मांग की है.
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राइट टू सर्विस के प्रावधानों को उद्योग विभाग में भी लागू करने की मांग फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने की है. चैंबर भवन में आयोजित कार्यक्रम में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता को इस संबंध में मेमोरेंडम सौंपा गया है. ज्ञापन में मुख्यतः श्रम विभाग की योजनाओं को लागू कराने के लिए विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रारंभ करने, ई श्रम पोर्टल पर अधिकाधिक श्रमिकों का निबंधन सुगमतापूर्वक हो सके इसके लिए प्रज्ञा केंद्रों को उपयोगी बनाने, विभाग में प्राप्त होनेवाली शिकायतों का निराकरण ससमय करने, ऑनलाइन लाइसेंस प्राप्त करने की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करते हुए इसमें मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त करने और राज्य सरकार द्वारा भूमि आवंटन नियमावली के वर्तमान प्रावधान में संशोधन करना शामिल है.
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा राज्य में नए लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों का नहीं लगना, जमीन के रेट का अत्यधिक होना है और जमीन उपलब्ध नहीं होने पर चिंता जताई गयी. चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए 50 से 60 फीदसी जगह रिजर्व होनी चाहिए, उसके बाद ही सर्विस सेक्टर को जगह का आवंटन किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग-धंधों की आवश्यकताएं सामान्य सेवाओं से अलग होती हैं. ऐसे में उचित होगा कि उद्योग-धंधों के लिए अलग से राइट टू सर्विस एक्ट के निर्माण की पहल की जाए. जिसके तहत उद्योगों के लिए लेबर लाईसेंस, पानी, बिजली एक निश्चित समयावधि में प्राप्त हो सके.