रांची:झारखंड में नियोजन नीति को लेकर सियासत होता रहा है. एक बार फिर यह मुद्दा गरमाया हुआ है. छात्रों के झारखंड बंद पर राजनीतिक दलों की अलग अलग राय है. हर बार की तरह विपक्ष सत्तापक्ष को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने में लगा है. झारखंड में नियोजन नीति सियासत का केन्द्र बिन्दू में रहा है. राज्य गठन के बाद से इसपर जारी सियासत आज भी जारी है. हर बार छात्र सड़कों पर उतरते हैं.सदन से लेकर सड़क तक में नियोजन नीति का मुद्दा छाया रहता है.
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बंद का दिखा राजधानी में असर:एक बार फिर इसी मुद्दे पर छात्र आंदोलनरत है. 72 घंटे का महाआंदोलन के तीसरे और अंतिम दिन छात्रों ने झारखंड बंद बुलाकर सरकार को अपनी नाराजगी से अवगत कराने की कोशिश की है. झारखंड बंद के दौरान बुधवार (19 अप्रैल) को राजधानी रांची में इसका असर देखा गया. सामान्य दिनों की अपेक्षा सड़कों पर गाड़ियां कम चली और मेन रोड के अधिकांश दुकान बंद रहे.
पुलिस ने छात्रों को लिया हिरासत में:विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के दौरान मोराबादी में छात्रों और पुलिस के बीच नोकझोंक और लाठीचार्ज की भी घटना हुई. पुलिस ने शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कई छात्रों को हिरासत में भी लिया है. बंद को लेकर जमकर सियासत हुई. एनडीए ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है की नियोजन नीति के मुद्दे पर हेमंत सरकार युवाओं को छलने का काम किया है. यही वजह है कि आज राज्यभर के छात्र गुस्से में हैं और अपनी नाराजगी सड़कों पर उतर कर जाहिर कर रहे हैं.