रांची:झारखंड एटीएस ने पीएलएफआई और अपराधियों को हथियार सप्लाई करने वाले आर्म्स डीलर प्रभाकर उर्फ लालू पांडे को गिरफ्तार कर लिया है. प्रभाकर की गिरफ्तारी बिहार के पावापुरी इलाके से की गई है. प्रभाकर झारखंड-बिहार में अवैध आर्म्स डीलिंग में एक बड़ा नाम था. प्रभाकर के द्वारा न सिर्फ अपराधियों को आर्म्स सप्लाई की जाती थी, बल्कि कई उग्रवादी संगठन भी उसी से हथियार लेते थे.
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नवादा-पावापुरी में मिला था लोकेशन:संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ एटीएस कारवाई तो कर ही रही है, अब उन्हें हथियार सप्लाई करने वाले आर्म्स डीलरों पर भी एटीएस की टेढ़ी नजर है. हथियार तस्करों के खिलाफ भी अब झारखंड एटीएस ने जंग छेड़ दिया है. इस कड़ी में झारखंड-बिहार में आर्म्स सप्लाई करने वाले गिरोह से जुड़े प्रभाकर उर्फ लालू पांडे को एटीएस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है. लालू पांडे के बारे में झारखंड एटीएस को सूचना मिली थी कि वह नवादा-पावापुरी के इलाके में रहकर झारखंड के अपराधियों और उग्रवादियों को हथियार सप्लाई कर रहा है.
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद भी प्रभाकर का नाम आर्म्स डीलर के रूप में उभरकर सामने आया था. वहीं, झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह जिसमें अमन साव गैंग प्रमुख है. उसे भी प्रभाकर ग्रुप के द्वारा ही हथियारों की सप्लाई की जा रही थी. सूचना मिलने के बाद से ही झारखंड एटीएस प्रभाकर की तलाश में जुट गई थी.
हथियार की बरामदगी के लिए रेड जारी:झारखंड एटीएस के अधिकारियों ने प्रभाकर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. पावापुरी से गिरफ्तार करने के बाद एटीएस की टीम वैसे संभावित जगहों पर प्रभाकर के साथ छापेमारी कर रही है जहां हथियार छिपाए गए हों. हालांकि अभी तक किसी भी तरह के हथियार बरामदगी की सूचना नहीं है.
अमन सिंह का शूटर भी हुआ गिरफ्तार:एटीएस ने यूपी के चर्चित अमन सिंह गिरोह के शूटर नितेश कुमार सिंह उर्फ बुच्चन को गिरफ्तार किया. नितेश कतरास का रहने वाला है. धनबाद पुलिस की मदद से उसे एटीएस ने दबोचा है. एटीएस के द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि अमन सिंह के संबंध में नितेश के मोबाइल में कई गोपनीय जानकारियां हैं. इन जानकारियों के आधार पर एटीएस आगे की कार्रवाई कर रही है. नितेश के खिलाफ धनबाद के कतरास में चार अपराधिक मामले दर्ज हैं.
लगातार कार्रवाई जारी:मुख्यमंत्री के आदेश के बाद झारखंड एटीएस की टीम संगठित अपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई में पूरी तरह से रेस हो चुकी है. संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ नकेल कसने के दिशा में एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पहली बार झारखंड के सभी संगठित अपराधीक गिरोह के सदस्यों को चिन्हित करने का काम भी किया है. एक सप्ताह में भीतर एटीएस के द्वारा विभिन्न गिरोह के 80 लोगों का सत्यापन, 45 संदिग्धों से पूछताछ और 36 लोगों को बांड डाउन कराया गया है. जबकि 12 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं. अब एटीएस आर्म्स डीलरों के खिलाफ भी रेस है प्रभाकर की गिरफ्तारी भी उसी कड़ी में शामिल है.