झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

बड़े हथियार तस्करों से जुड़ा है सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार का तार, झारखंड एटीएस ने शुरू की एक साथ कई राज्यों में तफ्तीश

झारखंड एटीएस की टीम अविनाश और उसके साथियों से मिले इनपुट के आधार पर अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि जांच में एक बड़ा नेटवर्क सामने आएगा और इसमें अभी कई और तस्कर गिरफ्तार होंगे.

Jharkhand ATS raid in many states
Jharkhand ATS raid in many states

By

Published : Nov 17, 2021, 10:08 PM IST

रांची:झारखंड एटीएस के द्वारा गिरफ्तार सीआरपीएफ के जवान अविनाश से मिले सूचनाओं के आधार पर झारखंड एटीएस की टीम भारत के कई राज्यों में एक साथ छापेमारी कर रही है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार सीआरपीएफ जवान अविनाश का बड़े हथियार तस्कर गिरोहों के साथ संबंध है. अविनाश से मिले इनपुट के आधार पर बिहार, नागालैंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एटीएस की टीम छापेमारी कर रही है. बिहार एटीएस की टीम भी अविनाश की निशानदेही पर कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है.

ये भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर से झारखंड का आर्म्स कनेक्शन, सीआरपीएफ जवान ने वर्दी पर लगाया दाग, एटीएस ने दबोचा

आर्म्ड फोर्सेज के है कारतूस

एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि अविनाश के पास से जो कारतूस बरामद हुए हैं, वह आर्म्ड फोर्सेज के हैं. एटीएस की टीम अब यह पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर किस तरह से आर्म्ड फोर्सेज के हथियार और कारतूस गायब किए जा रहे थे. गिरफ्तार अविनाश के संबंध बड़े गैंगस्टर के साथ भी हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि वह पुलवामा में भी तैनात था. इसके अलावा झारखंड के नक्सल प्रभावित लातेहार और खूंटी में भी वह अपनी सेवा दे चुका है. ऐसे में एटीएस यह खंगाल रही है कि कहीं अविनाश सीआरपीएफ के मूवमेंट की जानकारी तो नक्सलियों तक नहीं पहुंचाता था.

देखें पूरी खबर
एनआईए ने भी किया था खुलासा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी झारखंड के नक्सलियों को लेकर हाल में ही बड़ा खुलासा किया था. जांच एजेंसी के अनुसार झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के पास बड़े पैमाने पर विदेशी हथियार पहुंच चुके हैं. नगालैंड एवं बिहार के हथियार तस्करों की मदद से उग्रवादी संगठनों ने ये हथियार खरीदे हैं. बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते नागालैंड से एके-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार और 50,000 से अधिक गोलियां झारखंड के नक्सलियों तक पहुंच चुकी है. एटीएस की टीम अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस नेटवर्क में भी तो अविनाश शामिल नहीं है.

इनामी नक्सलियों से लेकर बड़े अपराधियों तक पहुंचाते थे हथियार

एटीएस की पूछताछ में गिरफ्तार अविनाश ने यह स्वीकार किया है कि वो उग्रवादी संगठनों के साथ साथ झारखंड-बिहार के बड़े आपराधिक गिरोहों को हथियार-कारतूस की सप्लाई करता था. झारखंड एटीएस ने बिहार एसटीएफ की मदद से पुलवामा में पोस्टेड सीआरपीएफ के जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू को गया से, पेशे से ठेकेदार ऋषि कुमार को पटना से और जमीन व कोयला कारेाबार से जुड़े एक शख्स पंकज कुमार सिंह को रांची से गिरफ्तार किया था.

नागलैंड-असम से आती थी हथियार की खेप

जानकारी के अनुसार गिरोह के अपराधी नागालैंड और असम से हथियार- कारतूस लाते थे. इसके बाद इसकी सप्लाई माओवादियों और आपराधिक गिरोहों को की जाती थी. मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स को आवंटित किया जाने वाला हथियार या कारतूस ही इनके सहारे माओवादियों या आपराधिक गैंग तक पहुचाया जाता था. आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में कई तथ्य आए हैं. उन अभी सूचनाओं की पड़ताल की जा रही है.

एक कड़ी पर है अविनाश

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान मोल होमकर के अनुसार गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान अविनाश हथियार तस्करों के गिरोह का एक छोटा सा कड़ी मात्र है. इस ग्रुप में अभी भी वैसे लोग शामिल हैं जो बड़े हथियार तस्कर रैकेट से जुड़े हुए हैं. झारखंड एटीएस की टीम अविनाश और उसके साथियों से मिले इनपुट के आधार पर अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि जांच में एक बड़ा नेटवर्क सामने आएगा और इसमें अभी कई और तस्कर गिरफ्तार होंगे.


क्या है पूरा मामला

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पदस्थापित सीआरपीएफ जवान अविनाश नक्सलियों और बड़े अपराधी गिरोहों को हथियार और कारतूस सप्लाई करता था. झारखंड एटीएस की टीम ने बिहार में छापेमारी कर अविनाश को गिरफ्तार किया था. अविनाश की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी ऋषि और पंकज भी पकड़े गए हैं तीनों झारखंड बिहार में सक्रिय उग्रवादी संगठनों को हथियार सप्लाई करते थे. गिरफ्तार हथियार तस्करों के पास से एके-47 और इंसास राइफल की 450 गोलियां बरामद की गई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details