रांची: एटीएस ने भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर और 15 लाख के ईनामी रवींद्र गंझू को गोलियों की सप्लायी करने वाले फजेल आलम उर्फ फैजल और मंगल गोस्वामी उर्फ बचधरबा को गिरफ्तार किया है. फजेल गढ़वा के नगरउंटारी के वार्ड 6 जबकि मंगल गोस्वामी बिहार के रोहतास जिले के आमझोर थाना क्षेत्र के रामडिहरा गांव का रहने वाला है. एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, 9 फरवरी को खादगढ़ा बस स्टैंड से दोनों की गिरफ्तारी की गई. गिरफ्तारी के बाद दोनों के पास से दो मोबाइल फोन और लेवी का एक लाख रुपया बरामद किया गया.
ATS की कर्रवाई: रवींद्र गंझू को हथियार सप्लाई करने वाले दो गिरफ्तार, मुंबई से अमन का गुर्गा भी गिरफ्तार - अमन साहू गिरोह
झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने 15 लाख के इनामी नक्सली रविंद्र गंझू को हथियार और गोलियां सप्लाई करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को झारखंड एटीएस की टीम ने गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है. गिरफ्तार आरोपियों में बिहार का रहने वाला मंगल गोस्वामी और गढ़वा का फाजेल आलम शामिल है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से लेवी के पैसे भी बरामद किए गए हैं.
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एटीएस थाने में एफआईआर दर्ज:हथियार तस्करों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 2/22 दर्ज की गई है. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 17 सीएलए एक्ट समेत आईपीसी की अन्य संगत धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
मुम्बई से अमन साव का गुर्गा भी गिरफ्तार:वहीं दूसरी तरफ झारखंड एटीएस की टीम ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए अमन साहू गिरोह के कुख्यात अपराधी हयूल अंसारी को मुंबई से गिरफ्तार किया है. 2021 के अक्टूबर महीने में अमन साहू गिरोह के द्वारा चतरा में ट्रांसपोर्ट इन कंपनी के कार्यालय में फायरिंग की गई थी इस फायरिंग में कई लोग घायल हुए थे. फायरिंग की घटना में अंसारी भी शामिल था. उसी के बाद से एटीएस उसकी तलाश कर रही थी. ट्रांसपोर्ट कंपनी पर हमले के लिए अंसारी ने अपराधियों को बम, हथियार और गोलियां उपलब्ध करवाई थी.
हथियार तस्करों पर लगातार कार्रवाई कर रही एटीएस:झारखंड में माओवादियों के हथियार तस्करों पर लगातार कार्रवाई हो रही है. झारखंड एटीएस ने नवंबर 2021 में एक करोड़ के ईनामी माओवादी पतिराम मांझी और अमन साव समेत अन्य गिरोहों को हथियार की सप्लायी करने वाले गिरोह का खुलासा किया था. इस गिरोह के तार पारा मिलिट्री फोर्स तक से जुड़े थे. कई राज्यों व पारा मिलिट्री से तार जुड़ने के बाद इस केस को एनआईए ने टेकओवर कर लिया था.