रांचीः झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र जल्द आहूत होने वाला है. इसको लेकर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने संकेत दिए हैं. 15 अगस्त के बाद कभी-भी मानसून सत्र की घोषणा हो सकती है. साथ इस बार मानसून सत्र का कार्यदिवस 5 से 7 दिनों का हो सकता है.
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संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने रविवार को कहा कि उनकी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मानसून सत्र को लेकर बातचीत हुई है. इसके तहत मानसून सत्र 5 से 7 दिनों का होगा. उन्होंने कहा कि नियम है कि लास्ट हाउस के 6 महीने के अंदर मानसून सत्र होना चाहिए. ऐसे में 22 मार्च को बजट सत्र आहूत किया गया था. उसके तहत 15 अगस्त के बाद कभी-भी मौनसून सत्र की घोषणा हो सकती है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में भी यह आएगा.
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ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 5 से 7 दिनों का कार्य दिवस मानसून सत्र में होगा. जिसमें सरकार महत्वपूर्ण अध्यादेश और बिल लाएगी. इस दौरान सरकार की ओर से अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा. वहीं मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. इस दौरान विपक्ष वर्तमान परिस्थितियों को भी सदन में उठाएगा. खासकर कोरोना संक्रमण काल की दूसरी लहर में जो स्थिति उत्पन्न हुई थी, उसको लेकर सदन में विरोध दिखेगा. वहीं लॉ एंड आर्डर समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेगी.
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पिछला मानसून सत्र
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र का पिछला सत्र 18 सितंबर से शुरू हुआ था, जो 22 सितंबर तक चला. कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर विधानसभा में पुख्ता इंतजाम किए गए. विधानसभा में प्रवेश से पहले माननीयों को डॉक्टर की टीम हैंड सेनेटाइजर और फेस मास्क दिया गया.
साल 2020 में झारखंड विधानसभा का सत्र तीन दिन तक चला उसके बाद सत्र अनिश्चितकाल से लिए स्थगित हो गया. 3 दिन तक चले इस मानसून सत्र में विधानसभा में जनमुद्दों पर चर्चा की गई, सत्र के आखिरी दिन कुल 8 विधेयक पारित किए गए. सत्र के अंतिम दिन कुल 17 गैर सरकारी संकल्प लाए गये, जिस पर सरकार के संतोषप्रद जवाब के कारण वोटिंग की नौबत नहीं आई.
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साल 2020 में झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन यानी 22 सितंबर को कुल 8 विधेयक पारित हुए. झारखंड राज्य सेवा देने का गारंटी (संशोधन) विधेयक, 2020, दंड प्रक्रिया संहिता (झारखंड संशोधन) विधेयक, झारखंड खनिज धारित भूमि पर (कोविड-19 महामारी) उपकर विधेयक, झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, झारखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, झारखंड मूल्यवर्द्धित कर (संशोधन) विधेयक, मोटर वाहन करारोपण (संशोधन) विधेयक और झारखंड राज्य भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी) परिषद विधेयक, 2020 को सदन की स्वीकृति मिली. सत्र के अंतिम दिन कुल 17 गैर सरकारी संकल्प लाए गये, जिस पर सरकार के संतोषप्रद जवाब के कारण वोटिंग की नौबत नहीं आई.
एक साल में तीन सत्र
विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं. जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रुप में जाना जाता है. संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्यपाल द्वारा सदन की कार्यवाही प्रत्येक 06 माह में कम से कम एक बार बुलाया जाता है. जाहिर है मानसून सत्र को लेकर सरकार के पास अभी पर्याप्त दिन शेष हैं ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में विधानसभा मानसून सत्र के जरिए एक बार फिर गुलजार हो.