रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र 2023 में प्रश्नकाल के दौरान राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के शवगृह यानी मोर्चरी का मामला उठा. भाजपा विधायक राज सिन्हा ने सरकार से पूछा कि क्या यह सही है कि रिम्स का सालाना बजट 400 करोड़ का है. इसके बावजूद मोर्चरी में रखी लाशें सड़ रही हैं ?
ये भी पढ़ेंः Budget Session: भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा ने किया प्रदर्शन, जानिए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने क्या कहा
इस पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह बात बेबुनियाद है . उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिलों से लावारिस सड़ी गली अवस्था में लाशें लाई जाती है . जिनका रिम्स में पोस्टमार्टम होता है और उन्हें MORGUE में रखा जाता है. जहां तक कूलिंग कंपार्टमेंट के फ्रिजर के खराब होने की बात है तो इसकी देखरेख की जिम्मेदारी एक कंपनी को दी गई है.
5 जून 2020 के आदेश के मुताबिक ब्लू स्टार लिमिटेड की अधिकृत एजेंसी में बालाजी रेफ्रिजरेशन, रांची को रिपेयरिंग और सर्विसिंग का काम दिया गया था. बाद में 4 जुलाई 2022 को नए आदेश के मुताबिक मेमन इंटरप्राइजेज को रिपेयरिंग और सर्विसिंग का काम दिया गया है. फिलहाल ब्लू स्टार लिमिटेड से सीएमसी के लिए प्रस्ताव मांगा गया है. मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में रिम्स के लिए राज्य सरकार ने योजना मद में 250 करोड़ और गैर योजना मद में 395 करोड़ की अनुदान राशि आवंटित की है.
मंत्री ने कहा कि अभी भी रिम्स की मोर्चरी में 29 शव ऐसे हैं, जो लावारिस हैं. अगर माननीय चाहे तो इसकी गिनती करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि शवों को नगर निगम और अन्य सामाजिक संगठनों के माध्यम से अंत्येष्टि भी कराई जाती है. इसी बीच सीपी सिंह ने सूचना के तहत पूछा कि क्या यह बात सही है कि डायरेक्टर ने मंत्री के खिलाफ पत्र लिखा और कहा है कि उनके साथ मतभेद है.
वहीं समरी लाल ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक महज आठ करोड़ की राशि खर्च हुई है और शेष राशि रिम्स के करंट अकाउंट में पड़ी हुई है. जवाब में बन्ना गुप्ता ने कहा कि पता नहीं सीपी सिंह जी को कहां से इस तरह की जानकारी मिलती है. उन्होंने कहा कि समरीलाल सूचना के अभाव में इस तरह की बातें कर रहे हैं.