रांची: भले ही झारखंड सरकार का कृषि विभाग चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजटीय प्रावधान के तहत महज 30 फीसदी राशि ही खर्च करने में सफल रहा है, लेकिन विभाग ने कुछ ऐसे काम भी किये हैं, जिसके जरिए सीधे तौर पर जनता के बीच लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है.
कृषि, पशुपालन एवं खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं. जिसके अंतर्गत ब्लॉक चेन प्रणाली से बीज बांटने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने भी की है. इसके अलावा 6 लाख 30 हजार नये किसानों को केसीसी से जोड़ा गया है, जबकि कृषि ऋण माफी योजना के तहत 4 लाख 62 हजार 966 किसानों को 1858.3 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से वितरित किये गये हैं.
विदेश भेजे गए देवघर के पेड़े:कृषि सचिव ने कहा कि झारखंड ने पहली बार देवघर से दूसरे देशों में मेधा पेड़ा निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया है. बहरीन के लिए पेड़ा भेजने का पहला कंसाइनमेंट मिला था. विभाग अन्य देशों में निर्यात की संभावना भी तलाश रहा है. उन्होंने कहा कि साल भर का सटीक नक्शा और सुखाड़ जैसी स्थिति में फसल क्षति का आकलन करने के लिए सभी पंचायतों में ऑटोमेटिक वर्षा मापक यंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.