रांचीः 1 मार्च को झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान पहचान नियोजन पेंशन की मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा विधायकों के आवास का घेराव करेगी. इसको लेकर शुक्रवार को रांची में झामुमो के सचेतक सह झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक मथुरा प्रसाद महतो के आवास पर प्रेस वार्ता की गई.
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मथुरा महतो ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने झारखंड आंदोलनकारी चिन्हित कर आयोग का पुनर्गठन करने पर कैबिनेट की मंजूरी दी गई है. साथ ही झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को नौकरी भी देने की मंजूरी दी गई है. यह स्वागत योग्य है, झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा इसका स्वागत करती है. कैबिनेट की ओर से दी गई मंजूरी में कुछ और बिंदुओं को जोड़ा जाना चाहिए. जो झारखंड आंदोलनकारियों के हित के लिए जरूरी है. झारखंड अलग राज्य कोई स्वभाविक राज्य नहीं है, लंबा संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद बना है. झारखंड आंदोलनकारियों की वजह से ही आज हम मंत्री और मुख्यमंत्री बने हैं. हमें उनकी भावनाओं का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि 1 मार्च को सभी विधायकों का घेराव कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. झारखंड आंदोलनकारी किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें और वो सभी रांची पहुंचे. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से कैबिनेट के माध्यम से लिया गया निर्णय स्वागत योग्य है. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा मांग करती है कि झारखंड आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष काल में अनेक तरह की उपेक्षाएं एवं तमाम यातनाएं झेली हैं.
आंदोलनकारी पलायन कर गए, घर-परिवार बिखर गया, खेती-बारी तबाह हो गया. इसलिए झारखंड अलग राज्य के प्रत्येक मूल्य पर सरकार को गंभीरतापूर्वक ध्यान देना. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मांरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, एनई होरो, बिनोद बिहारी महतो, निर्मल महतो, देवेंद्र माझी, सीपी तिर्की, महेंद्र सिंह, रमेश सिंह मुंडा, डॉ. रामदयाल मुंडा, डॉ. बीपी केसरी, लाल रणविजय नाथ शाहदेव, रीतलाल प्रसाद वर्मा, एके राय, सोबरन अंसारी, बसीर अहमद सहित हमारे सभी अमर पुरोधा झारखंड आंदोलनकारियों को झारखंड आंदोलनकारी रत्न देकर अविलंब राजकीय पहचान और सम्मान प्रदान किया जाए.
राज्य के दिशोम गुरु शिबू सोरेन से लेकर झारखंड आंदोलनकारियों के मसीहा और मार्ग दर्शक मथुरा प्रसाद महतो तक 1-1 झारखंड आंदोलनकारियों, साहित्यकारों, कलाकारों एवं पत्रकारों को भी चिन्हित कर राजकीय सम्मान एवं पहचान सुनिश्चित किया जाए. साथ ही सभी आंदोलनकारियों का नाम गजट में प्रकाशित किया जाए. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार, गृह विभाग, संकल्प संख्या -6, विविध -1013/2008-2108 को पारित में संशोधन करते हुए उसका पालन हो व झारखंड आंदोलनकारियों को चिकित्सा सुविधा, आश्रितों को पेंशन, नियोजन एवं बच्चों को नियोजन आदि का लाभ सुनिश्चित किया जाए.
झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग में अध्यक्ष सहित कम से कम 11 सदस्य हों एवं आयोग का कार्यकाल कम से कम 3 वर्ष के लिए हो. आयोग में लंबित आवेदनों को चिन्हित करने के कार्य समयबद्ध हो. छूटे हुए आंदोलनकारियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर सभी आवेदन आमंत्रित किया जाए. झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए एवं राज्य स्तरीय समारोह आयोजन कर विशिष्ट पहचान पत्र देकर आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाए.
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