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राहुल गांधी की बात का उनकी ही पार्टी में नहीं हो रहा पालन, झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने उठाई प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ आवाज

झारखंड कांग्रेस में पार्टी के नेता ही विरोध के स्वर उठा रहे हैं. पार्टी के नेता संगठन के साथ ही बोर्ड, निगम और आयोग में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के लिए पर्याप्त भागीदारी की मांग कर रहे हैं. Participation of SC ST and OBC in Jharkhand Congress

Participation of SC ST and OBC in Jharkhand Congress
Jharkhand Congress

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 1, 2023, 7:45 PM IST

झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने उठाई प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ आवाज

रांची: कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार जातीय जनगणना और ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सत्ता में पर्याप्त भागीदारी की बात कर रहे हैं. लेकिन झारखंड में कांग्रेस पार्टी में ही इन वर्गों के लोगों को पर्याप्त भागीदारी नहीं दी जा रही है. ऐसे में अब राहुल गांधी से प्रेरणा लेकर प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता भी संगठन और बोर्ड, निगम और आयोगों में इन वर्गों की पर्याप्त भागीदारी नहीं मिलने पर प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी के स्वर तेज कर दिए हैं.

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झारखंड कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे पूर्व सांसद प्रदीप बलमुचू ने तो राज्य बोर्डों और आयोगों में एससी, एसटी और ओबीसी की उपेक्षा की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से करने की बात भी कही. वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि ओबीसी को शामिल किये बिना कांग्रेस संगठन मजबूत नहीं हो सकता. समय का इंतजार करें, सब ठीक हो जाएगा. वहीं राज्य के वित्त मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में अभी एक साल बाकी है, संभव है कि जब तीन महीने बचे होंगे तो इन वर्गों को कुछ न कुछ मिल जाए.

तर्क पर हो विरोध-प्रदेश महासचिव:प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ पीसीसी झारखंड के वरिष्ठ नेताओं के मुखर होने को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना ठीक नहीं है. विरोध तर्क पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी नेताओं में नेतृत्व विकसित करने के लिए कार्यक्रम चला रही है. इन वर्गों के नेताओं को भी भागीदारी दी जा रही है.

प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ क्यों उठ रही विरोध की आवाज:दरअसल, प्रदेश कांग्रेस ने अब तक राज्य में गठित छह बोर्ड या आयोग में से किसी में भी अनुसूचित जनजाति या ओबीसी को अध्यक्ष नहीं बनाया है, जबकि सिर्फ हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष एक दलित को बनाया गया है. इसी तरह जिले से लेकर प्रदेश तक संगठन में आरक्षित वर्गों को पर्याप्त जगह नहीं मिली है. ऐसे में जब राहुल गांधी मुखर होकर इन वर्गों की आवाज उठा रहे हैं तो प्रदेश के बड़े नेताओं ने भी एससी, एसटी और ओबीसी की भागीदारी के लिए आवाज तेज कर दी है.

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