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छठ पूजा के लिए नदी-तालाब आने पर रोक के बाद जद(यू) का प्रहार, कहा-झारखंड में आस्था पर हमला

15 नवंबर को देर रात झारखंड सरकार की ओर से कोरोना संकट के मद्देनजर छठ पूजा के लिए तालाब, नदी और डैम पर जाने पर रोक लगा दी गई है. इस पर झारखंड जदयू ने करारा प्रहार किया है, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता ने इसे आस्था पर हमला करार दिया है और प्रवक्ता श्रवण कुमार ने आदेश वापस लेने की मांग की है.

jdu spokes person shravan kumar
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार

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Published : Nov 17, 2020, 2:47 AM IST

रांचीः छठ पूजा को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन पर सियासत तेज हो गई है. कोरोना के मद्देनजर छठ के लिए जारी गाइडलाइन का विरोध तेज होता जा रहा है. जहां सरकार की गाइडलाइन के विरोध में भाजपा जल सत्याग्रह कर रही है वहीं जनता दल यूनाइटेड भी सरकार पर हमलावर हो गई है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार ने आदेश की निंदा करते हुए इसे आस्था पर हमला करार दिया है और गाइडलाइन वापस लेने की मांग की है.

देखें पूरी खबर
दरअसल, पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए झारखंड सरकार ने छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसमें सरकार ने छठ पूजा के लिए लोगों को नदी, तालाब और डैम पर जाने पर रोक लगा दी थी. आदेश में कहा गया था गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लोगों से घरों में ही पूजा करने की अपील भी की गई थी. यह आदेश जारी होते ही तमाम राजनीतिक दल इसके विरोध में उतर आए हैं. झारखंड जद(यू) के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार ने मीडिया से कहा कि छठ पर्व बिहार और झारखंड में महापर्व के रूप में मनाया जाता है. 4 दिन के इस त्योहार से लोगों की आस्था जुड़ी है. इसके बावजूद झारखंड सरकार की ओर से इस तरह का आदेश निकाला जाना लोगों की आस्था पर हमला है.

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15 नवंबर को जारी किया गया था आदेश
15 नवंबर की देर रात राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आदेश में कोरोना की संकट को देखते हुए तालाब एवं घाटों पर छठ मनाने पर रोक लगा दी गई थी. इसको लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के कई नेताओं ने भी राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह अपने आदेश पर पुनर्विचार करे.

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