रांची:बीते गुरुवार को चाईबासा में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में घायल सीआरपीएफ जवान राकेश पाठक को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था. अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल भेज दिया गया है. शनिवार को ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर घायल जवान को मेडिका अस्पताल से रांची एयरपोर्ट पहुंचाया गया जिसके बाद उन्हें दिल्ली भेज दिया गया.
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पेट से निकला था स्प्लिन्टर:मंगलवार को चाईबासा में हुए ब्लास्ट में सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गए थे. घायलों में पंकज कुमार यादव, राकेश कुमार पाठक और बीडी अनल शामिल थे. तीनों को चाईबासा से एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया था. घायल राकेश कुमार पाठक के पेट में स्प्लिन्टर (छड़ का टुकड़ा) घुस गया था. जिसे ऑपरेट कर बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन शुक्रवार को उनकी तबियत खराब होने लगी. जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेजने का फैसला ले लिया गया.
बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर:दिल्ली भेजने के फैसले के बाद आनन-फानन में रांची पुलिस के द्वारा मेडिका अस्पताल से लेकर रांची एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया. मात्र 10 मिनट के भीतर ही ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कराकर घायल जवान को रांची एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस के माध्यम से दिल्ली एम्स भेज दिया गया.
लगातार चल रहा मुठभेड़:गौरततलब है कि चाईबासा के टोंटो के सरजामबुरू इलाके में पुलिस ने माओवादियों की काफी मजबूत घेराबंदी की गई है. इस इलाके में कई माओवादी नेताओं को पुलिस ने घेरे रखा है. यही वजह है कि इस इलाके में लगातार आईईडी ब्लास्ट और मुठभेड़ की घटनाएं हो रही हैं. मंगलवार को भी लुइया के पास पुलिस बलों के साथ माओवादियों की मुठभेड़ हुई थी. वहीं, गुरुवार को आईईडी ब्लास्ट हुआ जिसमें तीन जवान घायल हो गए. दरअसल पुलिस मुख्यालय यह जानता है कि इन इलाकों में कैंप के निर्माण से रणनीतिक तौर पर सुरक्षाबलों को काफी फायदा मिलेगा. यही वजह है कि नक्सलियों के लगातार हमलों के बावजूद सुरक्षा बल मजबूती के साथ जंगलों में टिके हुए हैं.
21 दिनों में 7 ब्लास्ट:चाईबासा के इस इलाके में पिछले 21 दिनों में सात बार आईईडी ब्लास्ट कर चुके हैं. इसमें एक ग्रामीण सहित कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं. इससे पहले 25 जनवरी को एक आईईडी ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक सीआरफीएफ अधिकारी घायल हुए थे. जिन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था.