रांची:झारखंड सरकार के कृषि विभाग की एक अजीबोगरीब चिठ्ठी ने राज्य के जनसेवकों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है. चिठ्ठी से नाराज जनसेवक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. मामला ग्रेड पे से जुड़ा है.
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दरअसल, कृषि विभाग ने 12 वर्षों से सेवारत राज्य के जनसेवकों को टाइम बाउंड प्रमोशन देने के बजाय उनके ग्रेड पे को ही कम कर दिया है. कल तक 2400 ग्रेड पे पानेवाले जनसेवकों को सरकार के इस चिठ्ठी से 2000 ग्रेड पे पर ला दिया है. नाराज राज्य के जनसेवक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पिछले 09 मई से नेपाल हाउस स्थित सचिवालय गेट पर धरना दे रहे जनसेवकों ने सरकार के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए आंदोलन जारी रखने की धमकी दी है.
झारखंड राज्य जनसेवक संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना दे रहे पलामू जिला अध्यक्ष आलोक कुमार पांडे ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से जनसेवक हैरान हैं कि आखिर ये क्या हो रहा है. आमतौर पर दस साल की सर्विस पूरा होते ही प्रमोशन मिलता है. मगर कृषि विभाग की इस चिठ्ठी से प्रमोशन के बजाय डिमोशन हो गया है. खास बात यह है कि जनसेवकों के नियुक्ति विज्ञापन में भी 2400 ग्रेड पे था.
जनसेवकों की ये है मांग
- जनसेवक संवर्ग के खिलाफ नियुक्ति नियमावली और ग्रेड पे में छेड़-छाड़ बंद करें.
- जनसेवक संवर्ग को तकनीकी पद मानते हुए ग्रेड पे 4200 करें.
- सीमित परीक्षा में जनसेवक संवर्ग को बैठने की अनुमति दी जाए.
- सभी जिलों में 2401 वेतन सिर्फ सृजित कर फिर से समान वेतन भुगतान किया जाए.
- गैर कृषि कार्यों से जनसेवकों को मुक्त किया जाए.
- जनसेवकों के लिए पहले की तरह निशुल्क कृषि स्नातक की पढ़ाई करने की व्यवस्था की जाए.
- जनसेवक संवर्ग का पद नाम बदलकर कृषि प्रसार पर्यवेक्षक या प्रखंड कृषि प्रसार पर्यवेक्षक किया जाए.
- जनसेवकों की संपूर्ण सेवा 2011 जनसेवक भर्ती नियमावली के तहत कृषि विभाग में वापस लेते हुए DDO परिवर्तन का पत्र अविलंब जारी किया जाए.
- 2012 में नियुक्त जनसेवकों सहित राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट अविलंब प्रकाशित की जाए.
- 2012 में नियुक्त सभी जिले में सेवकों को तत्काल एमएसीपी का लाभ दिया जाए.