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रांचीः आदिवासी जन अधिकार मंच ने कृषि कानून का किया विरोध, जमकर की नारेबाजी

राजधानी रांची में आदिवासी अधिकार मंच ने कृषि और मजदूर कानून के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. मंच ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कानून इस कानून से अमीर घरानों को लाभ मिलेगा.

आदिवासी जन अधिकार मंच
आदिवासी जन अधिकार मंच

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Published : Nov 5, 2020, 7:53 PM IST

रांचीः राजधानी में आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले कृषि और मजदूर कानून के खिलाफ राज्यव्यापी हड़ताल की गई. इसी क्रम में राज्य के जन मुद्दों कृषि कानून, मजदूर कानून और जमीन अतिक्रमण सहित कई मामले को लेकर कांके प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया है.

आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले चल रहे एक दिवसीय हड़ताल का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता नीरज गुप्ता ने कहा कि जनता विधायक चुनती है और जनता के हित में काम न करने पर जनता को मजबूरन प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना देना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है. सरकार जनता पर कोई भी कानून थोपने का काम कर रही है.वह कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए जिस तरीके से कृषि काननू आया है. वह देश के किसानों को ठगने का काम कर रहा है.

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उसके साथ ही समाजसेवी स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की है. वहीं आदिवासी अधिकार मंच के अर्पणा बाड़ा ने कहा कि सरकार द्वारा जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है उसे निरस्त किया जाए उसके साथ ही मनरेगा मजदूरों की दैनिक भत्ता और मजदूरी की वृद्धि की मांग की है.

वहीं आदिवासी अधिकार मंच के स्टेट कोऑर्डिनेटर आलोक कुजूर ने कहा राजभर में आदिवासी अधिकार मंच द्वारा एक दिवसीय हड़ताल की जा रही है और यह हड़ताल कृषि व मजदूर कानून के खिलाफ है. सरकार से मांग की गई है कि इस कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए क्योंकि यह कानून अमीर घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया है.

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