रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर आंदोलनकारी नेता और राज्य के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर 07 अप्रैल 2023 को तमिलनाडु से विमान से रांची लाया जाएगा.
शुक्रवार को चेन्नई से सुबह 6 बजे के करीब पार्थिव शरीर रांची के हवाई अड्डा पहुंचेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एयरपोर्ट से पार्थिव शरीर को 07.30 बजे झारखंड विधान सभा ले जाया जाएगा. जहां श्रद्धांजलि सभा के बाद पार्थिव शरीर को सुबह 08 बजे रांची के हरमू स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय ले जाया जाएगा. यहां जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर, अंतिम दर्शन एवं श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा.
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टाइगर के रूप में चर्चित शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से राजनीतिक सामाजिक गलियारों में शोक की लहर है. गुरुवार सुबह जैसे ही जगरनाथ महतो के निधन की खबर सामने आई झारखंड मुक्ति मोर्चा और सरकार के अंदर शोक की लहर दौड़ गई. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से खास निकटता रखने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समाचार को सुनकर मर्माहत हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जगरनाथ महतो के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि 'ये ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने नियति को भी टाइगर होने का एहसास कराया. सुबह जब राजनीतिक योद्धा और संघर्ष के प्रतीक जगन्नाथ दा के निधन की खबर मिली तो मैंने शब्द होने के साथ मर्माहत हो उठा. जगरनाथ दा इस सरकार में मंत्री के साथ-साथ मेरे बड़े भाई और एक ऐसे अभिभावक की भूमिका में थे जो गलतियां होने पर डांट भी लगा देते थे और कभी पीठ पीठ थपथपा देते थे. टाइगर के नाम से मशहूर जगरनाथ दा ने अपने संघर्ष, कर्तव्यनिष्ठा, सादगी और विचारों की स्पष्टता के कारण अपनी खास और अलग पहचान बनाई. निर्धारित लक्ष्य हर हाल में हासिल करने की उनकी जिद से मैंने बहुत कुछ सीखा है. कई बार विषम परिस्थितियों में उनके सलाह,विचार और हौसला आफजाई ने हिम्मत दी और लड़ने का जज्बा दिया.'
जगरनाथ दा को यूं ही टाइगर नहीं कहा जाता था-सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी शोक संवेदना में लिखा है कि 'जगरनाथ दा को यूं ही टाइगर नहीं कहा जाता था. कोरोनाकाल में गंभीर रूप से ग्रसित होने के बावजूद उन्होंने नियति से लंबी लड़ाई लड़ी और जीतकर अपने टाइगर होने को चरितार्थ कर दिखाया. आखिरकार हुआ वही जो नियति को मंजूर था. जगरनाथ दा जैसे व्यक्तित्व की कमी की भरपाई करना संभव नहीं है. उनकी कमी जीवन भर खलेगी. उनकी शिक्षा, उनका मार्गदर्शन और उनका आशीर्वाद मुझे आगे का रास्ता दिखाएगा. जगरनाथ दा ने अपने मंत्रित्वकाल के दौरान शिक्षा विभाग में कुछ ऐसे निर्णय लिए जिसे झारखंड हरदम याद रखेगा. अलग झारखंड के मुखर योद्धा जगरनाथ दा की सोच और उनके संकल्पों को पूरा कर उसे साकार करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. हमारी सरकार एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार उनके सोच और विचार को साकार करने के प्रति तब तक संकल्पित रहेगी जब तक उसे हासिल नहीं कर लिया जाता. अपने बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन के वक्त जिस शुन्यता का एहसास हुआ था, उसी तरह का एहसास आज हो रहा है. ईश्वर अपने श्री चरणों में दिवंगत आत्मा को स्थान दें और उनके परिवार और समर्थकों को इस दुख में खुद को संभालने का साहस और सामर्थ्य दें, यही प्रार्थना है. जगरनाथ दा अमर रहेंगे और उनके विचार, सिद्धांत और मार्गदर्शन हमारी सरकार और हमारी पार्टी को सदैव दिशा दिखाते रहेंगे.'
जगरनाथ महतो के निधन पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा 'झारखंड सरकार के मंत्री श्री जगरनाथ महतो जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. वे एक कुशल आंदोलनकर्ता, समाजसेवी और राजनेता थे, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति एवं परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. भावभीनी श्रद्धांजलि!