रांची: झारखंड की राजनीति में साल 2024 में बहुत कुछ उलटफेर होने वाला है. इसके संकेत साल के पहले दिन से ही मिलने लगे. साल की शुरुआत के साथ ही झारखंड की राजनीतिक गलियारे से यह खबर आई कि जेएमएम के गांडेय से विधायक सरफराज अहमद ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है और स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है. फिर क्या था, पूरे राज्य में हलचल तेज हो गई.
सरफराज अहमद के इस्तीफे की खबर सुनते ही राज्ये के नेता एक्टिव हो गए. आगे क्या होने वाला है, क्या कुछ संभावनाएं हैं, सभी को टटोला जाने लगा. इस बीच नेता अपनी राय भी सोशल मीडिया के माध्यम से देने लगे. कोई कल्पना सोरेन को सीएम बना कर गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ने की बात कह रहा है तो कोई राज्यपाल को कानूनी सलाह लेने की सलाह दे रहा है. कोई इस बाबत कोर्ट के फैसले का हवाला देकर कल्पना सोरेन के सीएम बनने की संभावना को खारिज कर रहा है तो कोई लोकसभा के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव की भी बात कर रहा है. तो क्या झारखंड में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना बढ़ रही है?
झारखंड की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सीनियर नेता सरयू राय की बात को समझें तो यही इशारा कर रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'सब ठीक रहा तो गांडेय विधानसभा का उपचुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो सकता है. पर उसके पहले संभावित गैर-विधायक मुख्यमंत्री को विधानसभा पटल पर बहुमत साबित करना होगा. यह अग्निपरीक्षा सरल नहीं होगी. फिर वैकल्पिक सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा या लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ होंगे.'
वहीं इससे पहले उनके पोस्ट को मुताबिक सरफराज अहमद को जेएमएम इस कुर्बानी के लिए राज्यसभा भेजने की तोहफा दे सकती है. सरयू राय ने एक्स पर लिखा है कि 'खालिस कयास है. जल्द होने की संभावना है. झारखंड में सत्ता बदलेगी तो नवागन्तुक के लिए गिरिडीह जिला की गांडेय विधानसभा सीट खाली होगी. गांडेय वाले सज्जन मित्र राज्यसभा को सुशोभित करेंगे. ईश्वर से प्रार्थना कि नव वर्ष में जो भी हो राज्य, जनता, राजनीति के लिए शुभ हो. सभी को शुभकामनाएं.'