रांची: राज्य में उद्योग के साथ रोजगार को बढावा देने के उद्देश्य से हेमंत सरकार ने इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन नीति 2022 (Ethanol Production Promotion Policy 2022) लाई है. इसके तहत झारखंड में इथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production in Jharkhand) प्लांट लगाने पर सरकार 30 करोड़ तक की सब्सिडी देगी. पेट्रोल डीजल पर से निर्भरता समाप्त करने के लिए इसे एक वैकल्पिक ईंधन के रुप में माना जाता है. जिसको लेकर 2025 तक अपने देश में 1000 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा मिलाकर 100 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान समय में झारखंड में महज 5 फीसदी इथेनॉल का उत्पादन होता है.
इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी के जरिए निवेशकों को लुभाने की कोशिश, जानिए कितने तक की मिल सकती है छूट
इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन नीति 2022 (Ethanol Production Promotion Policy 2022) के जरिए हेमंत सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के साथ साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. पॉलिसी के अनुसार राज्य में मकई, गन्ना, धान का भूसा और सड़े हुए चावल से इथेनॉल तैयार किया जाएगा.
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पॉलिसी के अनुसार राज्य में मकई, गन्ना, धान का भूसा और सड़े हुए चावल से इथेनॉल तैयार किया जाएगा. वर्तमान में 5 राज्य में 18 करोड़ लीटर सालाना इथेनॉल तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है. ऐसे में सरकार ने भारी भरकम सब्सिडी देकर इथेनॉल पॉलिसी को लाया है. हालांकि पॉलिसी को लेकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व उपाध्यक्ष बताते हैं कि पॉलिसी अच्छी हो सकती है मगर इसे जमीन पर उतारना बेहद कठिन होता है. उन्होंने सरकार की इथेनॉल पॉलिसी को लेकर लिए गये निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इसे पॉलिसी के तहत जमीन पर उतारा जाना चाहिए. इधर सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे उद्योग के साथ स्थानीय लोगों को मिलनेवाला रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.