रांची: पलामू के मोहम्मदगंज बराज के निर्माण में 12 इंजीनियरों और निर्माण कंपनी की भूमिका पर नए सिरे से अनुसंधान शुरू किया गया है. मामले में इंजीनियरों पर फर्जी तरीके से 12 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान करने का आरोप था.
एसीबी कर रही जांच
एसीबी ने इस मामले में आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट आर अन्य धाराओं के तहत केस संख्या 38/13 दर्ज किया था. एसीबी ने इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट 31 दिसंबर 2014 में दायर की थी. जनवरी महीने में एसीबी ने इस मामले में एक पूरक चार्जशीट भी दायर किया था. हालांकि मामले में नए तथ्य आने के बाद फिर से अनुसंधान शुरू किया गया है.
किस-किस पर हो चुका है चार्जशीट
एसीबी ने जांच के बाद इस मामले में कार्यपालक अभियंता नारायण खान, सहायक अभियंता कुमार सत्येंद्र नारायण सिंह, मो. जफरूद्दीन अंसारी, सुधीर कुमार, चंद्रशेखर पांडेय, अरूण कुमार, अवधेश कुमार श्रीवास्तव, जूनियर इंजीनियर अशोक कुमार द्विवेदी, विंदेश्वर प्रसाद, मुनीलाल बिंद, कृष्णाधर सिंह, बनारसी दास, मेसर्स आरडी डेवलपर्स, मेसर्स हरिओम इंटरप्राइजेज, मेसर्स सुमन इंजीनियरिंग वर्क्स, डालटेनगंज के मेसर्स दूबे कंस्ट्रक्शन, मेसर्स शेखर कंस्ट्रक्शन के मालिक नरेश कुमार शर्मा, कंपनी के एकाउंट अफसर रामदयाल और अन्य पर एसीबी ने चार्जशीट की थी.
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क्या है मामला
पलामू के मोहम्मदगंज बराज के निर्माण के बाद भुगतान में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. जांच में यह बात सामने आई थी कि इंजीनियरों की गलती से निर्माण कंपनी को 12 करोड़ का भुगतान कर दिया गया था. इस मामले में इंजीनियरों के ओर से इस्टीमेंट बनाने में गड़बड़ी की बात एसीबी की पूर्व की जांच में सामने आई थी.