रांचीः राजधानी के धुर्वा स्थित हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने एक बार फिर साबित किया है कि वो किसी से कम नहीं. अपने नए अविष्कार से यह साबित किया है कि भले ही एचइसी आर्थिक तंगी झेल रहा हो, इसके बावजूद एचइसी में काबिलियत और हुनर से भरे लोगों की कमी नहीं है.
हाइड्रोलिक एक्सकेवेटर का आविष्कार
कोल माइंस और दूसरे माइंस में उपयोगी साबित होने वाला डीजल से चलने वाले हाइड्रोलिक एक्सकेवेटर के आविष्कार को लेकर एचइसी के सीएमडी एमके सक्सेना ने बताया कि जिस प्रकार से कोल माइंस और मिनरल माइंस में उपयोग आने वाले आधुनिक हाइड्रॉलिक एक्सकेवेटर का निर्माण किया गया है, इससे बिजली की उपलब्धता नहीं रहने की स्थिति में कोयले या अन्य उर्वरक का खनन बिना किसी रुकावट के कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अमूमन खनन के दौरान यह देखा जाता है खनन करने के दौरान जब हम ज्यादा गहराई में जाते हैं तो बिजली की उपलब्धता कम हो जाती है. ऐसी स्थिति में खनिजों और अन्य उत्पादों का खनन करने में कर्मचारी असमर्थ हो जाते हैं, लेकिन एचईसी द्वारा बनाए गए इस नए और नायाब हाइड्रोलिक एक्सकेवेटर से बिजली की जगह डीजल के माध्यम से ज्यादा गहराई तक खनन की जा सकती है, जो निश्चित रूप से लाभप्रद होगा.