रांची: झारखंड सरकार ने रेवेन्यू कलेक्शन के मद्देनजर शराब की दुकान खोलने का निर्देश तो दे दिया है, लेकिन सरकार के इस कदम से व्यापारी उत्साहित नहीं है. इस बाबत झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पहले दिन जिस तरह की बिक्री हुई है वह निराशाजनक है.
खूंटी में पहले दिन नहीं खुली दुकान
एक अनुमान के अनुसार सामान्य दिनों में राज्य भर में 9 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री होती है, लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा 3.20 करोड़ रुपये पर सिमट कर रह गया. संघ के सचिव सुबोध जयसवाल ने बताया कि भले ही राज्य सरकार ने रेवन्यू कलेक्शन के मद्देनजर यह कदम उठाया, लेकिन उम्मीद कम है कि सरकार इस लक्ष्य को हासिल कर पाएगी. उन्होंने बताया कि बुधवार को खूंटी जिले में एक भी दुकान नहीं खुली है. वहां के उपायुक्त ने सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य चीजों की स्टडी करने के बाद दुकान खोलने की इजाजत देने का दावा किया है.
जोमैटो स्वीगी से नहीं हुई बुकिंग
सचिव ने कहा कि राज्य के अन्य इलाकों में दुकानों के बाहर भीड़ नहीं उमड़ी. ऐसे में दुकानों के बाहर लगाए गए बैरिकेडिंग का खर्चा दुकानदारों के जेब से अलग से लगा. उन्होंने कहा कि व्यवसाय में रेकरिंग एक्सपेंडिचर खर्च हो ही रहा है. बिजली बिल, दुकान का किराया, स्टाफ की सैलरी समेत सभी चीजों पर दुकान बंद रहने के बावजूद खर्च हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रांची समेत नौ जिलों के म्युनिसिपल इलाकों में जोमैटो और स्वीगी से होम डिलीवरी का भी फैसला किया था. हैरत की बात यह है कि पहले दिन राज्य के किसी भी काउंटर पर इन दोनों कंपनियों का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा.