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शराब व्यापारियों ने सरकार से मांगी रियायत, नहीं मिलने पर सरेंडर करना पड़ सकता है लाइसेंस - झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव से खास बातचीत

झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव सुबोध जयसवाल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उनहोंने शराब दुकान खोलने और बिक्री से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की. स्पष्ट तौर पर कहा है कि पहले दिन जिस तरह की बिक्री हुई है वह निराशाजनक है.

शराब व्यापारियों ने सरकार से मांगा रियायत
interview with Jharkhand wine Dealers Association Secretary Subodh Jaiswal

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Published : May 21, 2020, 4:10 PM IST

Updated : May 21, 2020, 4:30 PM IST

रांची: झारखंड सरकार ने रेवेन्यू कलेक्शन के मद्देनजर शराब की दुकान खोलने का निर्देश तो दे दिया है, लेकिन सरकार के इस कदम से व्यापारी उत्साहित नहीं है. इस बाबत झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पहले दिन जिस तरह की बिक्री हुई है वह निराशाजनक है.

झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के सचिव सुबोध जयसवाल से खास बातचीत

खूंटी में पहले दिन नहीं खुली दुकान

एक अनुमान के अनुसार सामान्य दिनों में राज्य भर में 9 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री होती है, लेकिन बुधवार को यह आंकड़ा 3.20 करोड़ रुपये पर सिमट कर रह गया. संघ के सचिव सुबोध जयसवाल ने बताया कि भले ही राज्य सरकार ने रेवन्यू कलेक्शन के मद्देनजर यह कदम उठाया, लेकिन उम्मीद कम है कि सरकार इस लक्ष्य को हासिल कर पाएगी. उन्होंने बताया कि बुधवार को खूंटी जिले में एक भी दुकान नहीं खुली है. वहां के उपायुक्त ने सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य चीजों की स्टडी करने के बाद दुकान खोलने की इजाजत देने का दावा किया है.

जोमैटो स्वीगी से नहीं हुई बुकिंग

सचिव ने कहा कि राज्य के अन्य इलाकों में दुकानों के बाहर भीड़ नहीं उमड़ी. ऐसे में दुकानों के बाहर लगाए गए बैरिकेडिंग का खर्चा दुकानदारों के जेब से अलग से लगा. उन्होंने कहा कि व्यवसाय में रेकरिंग एक्सपेंडिचर खर्च हो ही रहा है. बिजली बिल, दुकान का किराया, स्टाफ की सैलरी समेत सभी चीजों पर दुकान बंद रहने के बावजूद खर्च हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रांची समेत नौ जिलों के म्युनिसिपल इलाकों में जोमैटो और स्वीगी से होम डिलीवरी का भी फैसला किया था. हैरत की बात यह है कि पहले दिन राज्य के किसी भी काउंटर पर इन दोनों कंपनियों का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा.

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टैक्स से व्यवसायियों को लाभ नहीं

सुबोध जयसवाल ने कहा कि मौजूदा दौर में शराब की होम डिलीवरी घर में विवाद का कारण भी बन सकती है. उन्होंने कहा कि मेट्रो में यह प्रचलन हो सकता है, लेकिन रांची समेत अन्य शहरों के लिए यह प्रयोग बहुत सफल नहीं हो पाएगा. एक तरफ राज्य सरकार ने रेवेन्यू कलेक्शन के टारगेट को पूरा करने के लिए वैट बढ़ा दिया और 10% स्पेशल टैक्स जोड़ दिया है तो वहीं दूसरी तरफ इसका लाभ दुकानदारों को एकदम नहीं मिल रहा है. यह सारे पैसे सरकार के खजाने में जाएंगे. ऐसे में राज्य सरकार को दुकानदारों के हित का ख्याल रखते हुए कम से कम बिजली बिल में रियायत देनी चाहिए.

लाइसेंस सरेंडर करने पर विचार

सचिव ने कहा कि पूरे प्रदेश से जो सूचनाएं आ रही हैं. वह इस व्यवसाय के लिए निराशाजनक हैं. कई दुकानदार ऐसे हैं जो आने वाले समय में अपनी दुकान का लाइसेंस सरेंडर करने का मन बना रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि अगले कुछ दिन इस व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण होंगे. 31 मई तक पूरी तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.

Last Updated : May 21, 2020, 4:30 PM IST

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