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International Women's Day Special: झारखंड की इन बेटियों ने मैदान में मनवाया लोहा, देश के नाम किए कई मेडल - निक्की प्रधान

झारखंड की दर्जनों बेटियों ने राज्य का नाम रौशन किया है. इन्हीं में शामिल हैं, दीपिका कुमारी, निक्की प्रधान, असुंता लकड़ा, संगीता कुमारी और सलीमा टेटे. इन बेटियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को कई मेडल और ट्रॉफी दिलाई है.

Women players of Jharkhand who won medals for country
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Published : Mar 8, 2023, 10:21 AM IST

रांची: झारखंड को हॉकी का नर्सरी माना जाता है. इसिलिए तो हाकी में असुंता लकड़ा, निक्की प्रधान, सलीमा टेटे, संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडुंग जैसी आधा दर्जन से अधिक खिलाड़ियों ने ना सिर्फ राज्य का मान बढ़ाया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम ऊंचा किया है. इन बेटियों की तरह झारखंड की एक और बेटी है, जिसने झारखंडवासियों को गौर्वान्वित होने का मौका दिया है. वह है दीपिका कुमारी.

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दीपिका कुमारी झारखंड की आन, बान और शान है. दीपिका ने तीरंदाजी में ना सिर्फ झारखंड का नाम रौशन किया है. बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का मान बढ़ाया है. दीपिका ने कॉमनवेल्थ समेत कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोंगिता में गोल्ड मेडल जीता है. दीपिका के नाम दर्जनों मेडल हैं. एक सयम दीपिका कुमारी विश्व की नंबर वन तीरंदाज खिलाड़ी रही है. 2016 में दीपिका कुमारी को पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है, वहीं दीपिका को अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है.

दीपिका कुमारी और असुंता लकड़ा

असुंता लकड़ा ने भी दीपिका की तरह ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रौशन की है. झारखंड की बेटी असुंता लकड़ा 2000 से लेकर 2014 तक भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य रहीं. इस दौरन उन्होंने सालों तक टीम की कप्तानी भी की. असुंता लकड़ा ने भारत के लिए खेलते हुए कई मेडल और ट्रॉफी टीम को दिलाई है. असुंता चयनकर्ता, कोच, खेल प्रशासक सभी क्षेत्र में हॉकी के लिए काम कर चुकी है. इन दिनों भी महिला हॉकी फेडरेशन में सक्रिय है.

झारखंड के छोटे से गांव हेसेल में जन्मी निक्की प्रधान ने हॉकी में अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया है. निक्की गरीबी के कारण बांस के हॉकी स्टिक से प्रैक्टिस किया करती थी. निक्की के हुनर को देखते हुए उसे पहले झारखंड टीम में जगह मिली फिर बहुत जल्द ही उसने राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना ली. हालांकि चोट के कारण कुछ दिनों तक वह मैदान से बाहर भी रही. निक्की ने एशियन गेम्स, विश्व कप और ओलंपिक सभी में भारत के लिए खेला है. निक्की प्रधान ने देश लिए कई मेडल भी जीता है.

निक्की प्रधान, सलीमा टेटे और संगीता कुमारी

झारखंड के सिमडेगा जिले के बड़कीछापर में जन्मी सलीमा टेटे ने भी निक्की प्रधान की तरह ही बांस के हॉकी स्टिक से खेलना शुरू किया था. आज सलीमा अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बना चुकी है. सलीमा ने भारत के लिए कई अतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी भूमिका निभाई है. टोक्यो ओलंपिक में उसने जिस तरह खेला उससे सभी देशवासी उसके मुरीद हो गए. पीएम मोदी ने भी ओलंपिक के बाद सलीमा के खेल का जिक्र किया था. सलीमा टेटे जूनियर हॉकी टीम की कप्तानी भी कर चुकी है.

असुंता लकड़ा, निक्की प्रधान और सलीमा टेटे की तरह संगीता कुमारी भी हॉकी के मैदान में झारखंड का मान बढ़ा रही है. सलीमा भी कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोंगिता में भारतीट टीम के लिए खेल चुकी है. संगीता कुमारी भारतीय महिला हॉकी टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है. संगीता के साथ-साथ ब्यूटी डुंगडुंग भी बड़े अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने के लिए तैयार है.

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