रांची:क्या झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदेश के नेताओं को दिल्ली जाने से रोकना चाहते हैं? क्या नेताओं के दिल्ली जाने को लेकर उनको कोई डर है. कांग्रेस के सियासी गलियारे में इन दिनों ये सवाल चर्चा का विषय बने हुए हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर जारी एक चिट्ठी के बाद से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत(Internal Politics of Congress) में ऐसे सवालों और अटकलों को पंख लग गए हैं.
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क्या है चिट्ठी में, जिसने सियासी गलियारे में अटकलों को दी हवा
दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के निर्देश पर कार्यालय प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई है. चिट्ठी में कहा गया है कि आउटरीच सर्वे अभियान जारी है. ऐसे में बहुत जरूरी हो तभी नेता अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरी जगह जाएं और जाने से पहले इसकी सूचना दें. इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के इस निर्देश को उनके अज्ञात डर से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस में अंदरखाने चर्चा की जा रही है कि JPCC अध्यक्ष को किसी बात का डर सता रहा है. इसी वजह से प्रदेश अध्यक्ष नेताओं को दिल्ली जाने से रोकना चाहते हैं.
वह चिट्ठी जिसने झारखंड कांग्रेस की सियासत में मचाई हलचल पक रही कोई खिचड़ी
कांग्रेस के तमाम नेताओं का कहना है कि अंदरखाने चर्चा है कि पार्टी के कई विधायक और कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष से नाराज हैं. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने ये चिठ्ठी जारी कर सुनिश्चित किया है कि झारखंड कांग्रेस के नेता दिल्ली दौरा कर आलाकमान के सामने समस्याएं न रख पाएं और आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष की शिकायत न कर पाएं. चर्चा है कि कांग्रेस की महिला विधायक ने जिस तरह से मोर्चा खोला और फिर दिल्ली में विधायक दीपिका पांडे सिंह ने आलाकमान से जिस तरह मुलाकात की. इसके बाद झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह ने 20 सूत्री क्रियान्वयन और निगम बोर्ड की गठन के लिए प्रदेश अध्यक्ष की जगह कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के पास फोन करके जिस तरह से बात की, यह सब ठीक न होने का इशारा है. और इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष चौकन्ने हो गए हैं. इसीलिए चिट्ठी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को दिल्ली जाने से रोकना चाहते हैं.
नेताओं को दिल्ली जाने से रोकने में लगे JPCC अध्यक्ष पहली बार जारी हुई ऐसी चिट्ठी
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि किसी भी अभियान के दौरान इस तरह की चिट्ठी पहले कभी नहीं निकाली गई. लेकिन यह पहली बार है कि आउटरीच सर्वे अभियान के दौरान या यूं कहें कि अभियान के बहाने नेताओं को दिल्ली जाने से रोकने के लिए चिट्ठी निकाली गई है. वहीं कांग्रेस की महिला विधायकों की ओर से 10 जुलाई को विधायक दल की बैठक आहूत करने की मांग भी की गई है, जिसमें सरकार में उनकी नहीं सुने जाने की बात समेत संगठन के समस्याओं को भी रखे जाने की बात है. प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ भी पार्टी नेता अपने बातों को रख सकते हैं.