रांची: झारखंड के स्कूलों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों के पद खाली रहने से बच्चों की स्थानीय भाषा में पढ़ाई नहीं हो पा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को विधायक बंधु तिर्की ने प्रश्नकाल के दौरान ये मामला उठाया. उन्होंने भारत सरकार से पूछा कि क्या ये बात सही है कि 9 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के विभाग में केवल 2 स्थाई शिक्षक ही हैं, जबकि राज्य के 14 कॉलेजों में मात्र 30 स्थाई शिक्षक हैं. आगे उन्होंने पूछा कि क्या ये बात सही है कि राज्य के प्लस-2 विद्यालयों में बिना शिक्षक के ही जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई होती है.
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