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रांची: मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को 13 मई को झारखंड हाई कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश - मुख्य सचिव को झारखंड हाई कोर्ट में पेश होने का निर्देश

झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और गृह सचिव को हाई कोर्ट में हाजिर होने से छूट दी गई है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में पूर्व में धनबाद के एक मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा था.

Instructions to three secretary of Jharkhand government to appear in Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट

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Published : Apr 13, 2021, 9:38 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और गृह सचिव को झारखंड हाई कोर्ट में हाजिर होने से छूट मिली है. अदालत ने मामले में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद मुख्य सचिव सहित सभी सचिव को अदालत में उपस्थित होने से छूट दी है. उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 13 मई को तय की है. उस दिन उन्हें उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश केपी देव की अदालत में पूर्व में धनबाद के एक मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य सचिव को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा था, लेकिन मुख्य सचिव और अन्य सचिव के द्वारा अदालत में समय से उपस्थित नहीं होने के कारण हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए यह बताने को कहा था कि, क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए? उसी मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि, कोरोना वायरस काल में काफी व्यस्त होने के कारण मुख्य सचिव, गृह सचिव और स्वास्थ्य की अदालत में उपस्थित नहीं हो सके. उन्हें अदालत में हाजिर होने से छूट दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 मई को तय की गई है. अदालत ने कहा है कि, अगर कोरोना का संक्रमण काल सामान्य रहा तो वह 13 मई को कोर्ट में उपस्थित हो.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल
धनबाद के बरकट्ठा थाना के रहने वाले बहू की हत्या के आरोपी वसीर अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान यह बातें सामने आई कि डॉक्टर के द्वारा जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिया गया था, वह रिपोर्ट गलत था. आरोपी की ओर से बताया गया कि, उनकी बहू की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई है, उसमें उनकी बहू आत्महत्या से पहले प्रेग्नेंट थी, इसका कोई जिक्र नहीं है, जबकि उनकी बहू आत्महत्या से पहले प्रेग्नेंट थी. उनके प्रेगनेंसी संबंधी रिपोर्ट अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद अदालत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के जांच का निर्देश दिया था.

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