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भोजन बंद किए जाने से आक्रोशित कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, रिम्स प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी - रिम्स कोविड अस्पताल

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स प्रबंधन (RIMS Management) के अमानवीय व्यवहार का खुलासा हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर में काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स को उनका तीन महीने का बकाया वेतन देना तो दूर उनका खाना भी बंद कर दिया गया है. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने धरना प्रदर्शन किया है.

inhumanity of rims management in ranchi
भोजन बंद किए जाने से आक्रोशित कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, रिम्स प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी

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Published : Aug 12, 2021, 6:34 PM IST

रांची: राज्य के 45 नेत्र चिकित्सकों को सम्मानित करते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को वॉरियर्स बताते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की बातें कहीं थीं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. रिम्स प्रबंंधन ने कोरोना लहर के पीक में काम करने वाले नर्सों, लैब तकनीशियनों और वार्ड बॉय को 3 महीने का वेतन देना तो दूर, हर दिन अस्पाल की ओर से मिलने वाले खाने को भी बंद कर दिया है. इससे सभी लोगों में नाराजगी है.

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आक्रोशित योद्धाओं ने किया धरना-प्रदर्शन
रिम्स के कोरोना वार्ड में सेवा देने वाले योद्धाओं को जब पता चला कि उन्हें अब रिम्स भोजन भी नहीं देगा तो वह आक्रोशित हो गए और निदेशक कक्ष के साथ-साथ अस्थायी कोविड सेंटर के बाहर प्रदर्शन करने लगे. आंदोलन कर रहे बीरबल कुमार ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. NHM की ओर से निजी एजेंसी का नाम सिर्फ उन लोगों के सेलेक्शन के लिए सुझाये गए थे न कि बहाली के लिए. अब जब कोरोना का वेग कम हो गया है तो उन्हें यह कहकर सेवा से हटा दिया गया है कि वह रिम्स के नहीं बल्कि पीएनएम एजेंसी के स्टाफ हैं. खाना भी बंद कर दिया गया है.

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भोजन बंद कराने पर प्रबंधन मौन

रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा(Public Relations Officer Dr DK Sinha) ने फोन पर बताया कि 789 एजेंसियों की ओर से नियुक्त कर्मचारियों को 10 अगस्त से हटा दिया गया है. इनको नियुक्त करने वाली एजेंसी भाग गई है. ऐसे में रिम्स सभी कर्मचारियों का बकाया यानि 3 महीने का वेतन 20 अगस्त तक उनके एकाउंट में डाल देगी. इसके अलावा इनका खाना बंद करने के सवाल का कोई जवाब उनके पास नहीं था.

अस्थायी कोविड सेंटर के बाहर प्रदर्शन

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आपदा में काम आने वालों के साथ ये कैसा सुलूक?
अप्रैल महीने में जब राज्य में कोरोना संक्रमण चरम पर था तब व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एजेंसी के माध्यम से बहाली की थी. अब रिम्स कोविड अस्पताल में काम नहीं होने की बात कह सबको काम से हटा दिया है. वहीं, इन हटाये गए कर्मियों का कहना है कि भले ही कोरोना कम हो गया हो. लेकिन जब कोरोना के पीक के दौरान अपने लोगों ने संक्रमितों का साथ छोड़ दिया था तब इन्होंने सेवा की थी. ऐसे में रिम्स के दूसरे वार्डो में भी अनुबंध पर लोग रखे जा रहे हैं तो उन्हें क्यों नहीं. और तो और जब रिम्स 20 अगस्त तक उनका बकाया देगा तब तक मानवीयता के आधार पर भोजन दिया जाना चाहिए था.

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