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रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में अंतर्कलह: चिकित्सकों और प्रबंधन की आपसी मतभेद का मरीजों को हो रहा नुकसान

राजधानी रांची रिम्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में अंतर्कलह (RIMS Hospital Cardiology Department Infighting) की स्थिती देखने को मिल रही है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के दो डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हुए एक को सस्पेंड और दूसरे का एक माह का वेतन काट दिया. इस घटना से न सिर्फ चिकित्सकों को बल्कि रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों को भी नुकसान हो रहा है.

Ranchi RIMS Hospital
Ranchi RIMS Hospital

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Published : Dec 16, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 5:47 PM IST

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रांची:राजधानी का रिम्स अस्पताल आए दिन चर्चाओं में बना रहता है, चाहे वह उपलब्धियों का विषय हो या फिर रिम्स की कुव्यवस्थाओं का, लेकिन इस बार यह अस्पताल अंतर कलह (RIMS Hospital Cardiology Department Infighting) और अंदर की राजनीति के कारण चर्चा का विषय बना है. दरअसल 4 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्री रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचे. जहां पर उन्होंने प्रबंधन के लोगों के साथ बैठक कर दो चिकित्सक पर कार्रवाई की. रिम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर और वरिष्ठ सर्जन राकेश चौधरी को मरीज से पैसे मांगने के आरोप में सस्पेंड किया, तो वहीं प्रकाश कुमार का एक माह का वेतन काट दिया.

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राकेश कुमार को सस्पेंड करने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. रांची आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर शंभू प्रसाद बताते हैं कि जिस तरह से स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों पर कार्रवाई की है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कार्रवाई करने से पहले दोनों पक्षों की बात जरूर सुननी चाहिए.

डॉक्टर शंभू प्रसाद बताते हैं कि कार्डियोलॉजी विभाग में कई बार डॉक्टरों के बीच विवाद देखने को मिला है. पूर्व में भी डॉक्टर प्रकाश और डॉक्टर हेमंत नारायण के बीच मारपीट जैसी घटना हुई थी. जिसकी निंदा राज्य भर के चिकित्सकों और आम लोगों ने भी की थी. उन्होंने रिम्स प्रबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रबंधन को भी पूरे मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. तब जाकर मंत्री तक बात पहुंचनी चाहिए. यदि पूरी घटना सीधे मंत्री तक पहुंचती है और तुरंत कार्रवाई भी कर दी जाती है, तो इसका मतलब रिम्स प्रबंधन और डॉक्टरों के बीच बेहतर कम्युनिकेशन नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह का माहौल कार्डियोलॉजी विभाग में बना हुआ है. इसका नुकसान सिर्फ चिकित्सकों को ही नहीं बल्कि रिम्स में आने वाले गरीब मरीजों को भी हो रहा है.

वहीं, जब रिम्स के सीटीवीएस विभाग का जायजा लिया गया तो पाया गया कि राकेश चौधरी के निलंबन के बाद कई ऑपरेशन बाधित हुए हैं. हमने देखा कि कई मरीज परेशान हैं. हिंदपीढ़ी से आए एक बच्चे के परिजन ने बताया कि उनके दो साल के बेटे के दिल में छेद है. जिस वजह से उसका ऑपरेशन करना है. डॉक्टर राकेश चौधरी ही उसकी देखरेख कर रहे थे. लेकिन अचानक मंत्री द्वारा कार्रवाई किए जाने के कारण उनका ऑपरेशन समय पर नहीं हो पा रहा है.

वहीं, हमने जब रिम्स में भर्ती मरीज और डॉ राकेश चौधरी पर आरोप लगाने वाले मरीज के परिजन से बात की तो उन्होंने ईटीवी भारत के कैमरे पर बात करते हुए कहा कि डॉक्टर साहब ने ऑपरेशन करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी. परिजनों की मानें तो उन्होंने 27 हजार रुपए डॉक्टर साहब को जमा भी कर दिया था. इसकी जानकारी जब रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों को मिली तो उन्होंने परिजन से थाने में केस करवाया. परिजन ने बताया कि सस्पेंड होने के बाद डॉ राकेश चौधरी रात को 1:01 बजे उन्हें धमकाने भी आए थे.

वहीं, पूरे मामले पर रिम्स प्रबंधन और कार्डियोलॉजी विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं, लेकिन सवाल यही उठता है कि जो कार्डियोलॉजी विभाग में कई ओपन हार्ट सर्जरी, बायपास सर्जरी जैसे बड़े ऑपरेशन होते हैं. वहां पर आपसी अंतर कलह के कारण मरीजों को इलाज का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वहीं पूरे मामले पर हमने जब पीड़ित डॉ राकेश चौधरी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने पूरे मामले पर साफ-साफ अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं. यह पूरी तरह से सुनियोजित है. देर रात अस्पताल जाकर धमकाने वाली बात को भी उन्होंने सिरे से खारिज किया. उन्होंने बताया कि कई बार इमरजेंसी केस में देर रात अस्पताल पहुंचना पड़ता है. मरीज के परिजन ने जिस दिन का आरोप लगाया है. उससे एक दिन पहले भी वह दूसरे मरीज को देखने के लिए अस्पताल गए थे. और इससे पहले भी कई बार देर रात मरीजों की देखभाल के लिए वह अस्पताल जाते रहे हैं. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि कार्रवाई में हमारे पक्ष की भी बात होनी चाहिए. लेकिन उन्हें भरोसा है कि आने वाले समय में जो भी आरोप लगे हैं. उनका खुलासा जरूर होगा.

अब सवाल यह उठता है कि जिस विभाग में प्रतिदिन बड़े से बड़े ऑपरेशन हो रहे थे. उसी विभाग में अंतर कलह के कारण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जिसका नुकसान कहीं ना कहीं राज्य के गरीब मरीजों को झेलना पड़ रहा है.

Last Updated : Dec 16, 2022, 5:47 PM IST

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