सुबोधकांत सहाय, पूर्व केंद्रीय मंत्री रांची: चंद्रयान और आदित्य-L1 के लिए लॉन्चिंग पैड बनाकर देश का मस्तक गर्व से ऊंचा करने वाले संस्थान एचईसी को बचाने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो गई है. रांची के एचईसी को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन के दल 14 सितंबर को राजभवन के समक्ष विशाल प्रदर्शन करेंगे. वहीं 18 से 22 सितंबर के बीच संसद के विशेष सत्र के दौरान दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन किया जाएगा.
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केंद्र सरकार पर HEC की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को बिहार क्लब में इंडिया दलों की संयुक्त बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, आम आदमी पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई माले और झामुमो के नेता शामिल हुए. इस बैठक में HEC बचाओ संघर्ष मोर्चा के नेता और प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
'एचईसी की जमीन पर केंद्र सरकार की नजर': बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि सरकार की मंशा एचईसी को लेकर ठीक नहीं है. वह इसे अपने उद्योगपति मित्रों के हवाले करना चाहती है और यहां के जमीन पर भी उसकी नजर है. सुबोधकांत सहाय ने कहा कि HEC कर्मियों को 17 महीनों से और अभियंताओं को 18 महीने से वेतन नहीं मिला है. हजारों की संख्या में कैजुअल स्टॉफ को मजदूरी नहीं मिली है. त्राहिमाम की स्थिति है. उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों और इंजीनियरों ने चंद्रयान 3 और मिशन सूर्य के लिए आदित्य L1 का लॉन्चिंग पैड बनाकर स्पेस में भारत को बढ़त दिलाई. वहां के कर्मचारियों को लगभग डेढ़ सालों से वेतन के लाले पड़े हुए हैं.
रांची और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि HEC के मुद्दे पर बने एचईसी बचाओ जन संघर्ष समिति, विस्थापित मोर्चा, बस्ती बचाओ मोर्चा और सभी इंडिया दल के नेता और कार्यकर्ता 14 सितंबर को राजभवन के समक्ष विशाल प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद दिल्ली में संसद के विशेष सत्र के दौरान जंतर मंतर पर इंडिया गठबंधन का धरना प्रदर्शन होगा. जिसमें HEC के कर्मचारी, अभियंता और दैनिक मजदूर चंद्रयान के लॉन्चिंग पैड के प्रारूप के साथ शामिल होंगे.
केंद्र सरकार पर HEC को साजिशन बंद करने का आरोप: सुबोधकांत सहाय ने केंद्र सरकार पर HEC को साजिशन बंद करने का आरोप लगया. उन्होंने कहा कि 2013 में यूपीए की सरकार ने जो भूमि अधिग्रहण कानून लाया था, उसके अनुसार या तो सरकार रैयतों को खाली पड़ी जमीन लौटाएं या फिर विशेष आर्थिक पैकेज देकर एचईसी को मजबूत करे.